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बैजल ने दिल्ली के उपराज्यपाल पद की शपथ ली

पूर्व नौकरशाह अनिल बैजल ने आज दिल्ली के 20 वें उपराज्यपाल पद की शपथ ली और केंद्र तथा आप सरकार के बीच खराब संबंधों को ठीक करने पर सधी हुई प्रतिक्रिया जताई। पूर्व उपराज्यपाल के शासन काल के दौरान संबंध काफी खराब हुए थे। केंद्रीय गृह सचिव सहित केंद्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे 70 वर्षीय बैजल ने को दिल्ली उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
बैजल ने दिल्ली के उपराज्यपाल पद की शपथ ली

बैजल ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, प्रदूषण, यातायात भीड़भाड़ की चुनौतियों से निपटना और आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल होगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल,  राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया , दिल्ली के मुख्य सचिव एम एम कुट्टी और नई दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया।

पूर्व उपराज्यपाल जंग और महानगर की सरकार के बीच नौकरशाही पर नियंत्रण सहित कई मुद्दों पर टकराव के बारे में पूछने पर बैजल ने कहा कि  यह कयास लगाने वाली बातें हैं और मुझे नहीं मालूम कि संबंध कैसे सुधरेंगे। हम बैठकर बात करेंगे और फिर आपको पता चलेगा।

बैजल की नियुक्ति का स्वागत करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राष्टीय राजधानी में जो काम रूके पड़े हैं, उनमें नए उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यकाल में तेजी आएगी।

केजरीवाल ने कहा कि  मुझे काफी उम्मीद है कि भविष्य में हम सब विधायक,  दिल्ली सरकार,  दिल्ली के लोग दिल्ली के विकास के लिए उपराज्यपाल के साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि  पिछले कुछ महीने में दिल्ली सरकार के कुछ काम स्थगित हैं। मुझे उम्मीद है कि इन कार्यों में तेजी आएगी।

बैजल ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने, महिलाओं की सुरक्षा, यातायात भीड़भाड़ कम करने के अलावा आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और नागरिक सुविधाओं को सुधारने के लिए वह हरसंभव प्रयास करेंगे।

वर्ष 1969 बैच के आईएएस अधिकारी बैजल अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय गृह सचिव थे और अन्य मंत्रिामंडलों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। बैजल 2006 में शहरी विकास मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह दिल्ली विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष भी रहे। वह मनमोहन सिंह सरकार द्वारा 60 हजार करोड़ रूपये के जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) का प्रारूप तैयार करने और लागू करने में सक्रिय रूप से जुड़े रहे। पूर्व नौकरशाह विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय फाउंडेशन की कार्यकारी परिषद् में भी थे।

नियमों के सख्त पाबंद माने जाने वाले बैजल को शुंगलू समिति की रिपोर्ट सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय करने होंगे। समिति का गठन जंग ने किया था जिसमें आप सरकार की तरफ से पिछले दो वर्षों के दौरान किए गए निर्णयों से जुड़ी 400 फाइलों की जांच की जानी है। (एजेंसी)

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