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आंध्र प्रदेश में विधान परिषद खत्म, जगन मोहन रेड्डी सरकार ने लगाई मुहर

आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार की कैबिनेट ने विधान परिषद को खत्म करने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर...
आंध्र प्रदेश में विधान परिषद खत्म, जगन मोहन रेड्डी सरकार ने लगाई मुहर

आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार की कैबिनेट ने विधान परिषद को खत्म करने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। वाईएसआर कांग्रेस के विधायक गुडीवाडा अमरनाथ ने इसकी जानकारी दी। यह फैसला सोमवार सुबह कैबिनेट की बैठक में लिया गया। बता दें कि आज से ही विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है। इस सत्र में विधान परिषद के खत्म किए जाने पर चर्चा होगी। दरअसल, इस फैसले को लेकर वाईएसआर कांग्रेस अडिग है।

वाईएसआर कांग्रेस का आरोप

वाईएसआर कांग्रेस का आरोप है कि तीन राजधानी वाले प्रस्ताव को रोकने के लिए विपक्षी दल टीडीपी विधान परिषद में अपने बहुमत का गलत इस्तेमाल कर रही है, जबकि विधानसभा में इस पर मुहर लग चुकी थी। वहीं टीडीपी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जगन सरकार के कदम से साबित होता है कि यहां कोई संवैधानिक आदर्श नहीं है।

वाईएसआर कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा, 'विपक्षी दल टीडीपी विधान परिषद में इस बिल को रोकने के लिए अपनी मेजॉरिटी का गलत इस्तेमाल कर रही है जबकि इसे विधानसभा में बहुमत मिल चुका है।' बयान में कहा गया, 'इससे पहले विधान परिषद ने एससी और एसटी के लिए अलग-अलग कमिशन को रिजेक्ट कर दिया था। इसके अलावा विधान परिषद में सरकारी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम लाने वाले बिल को भी खारिज कर दिया था।'

नायडू की पार्टी ने किया सत्र का बहिष्कार

कैबिनेट की बैठक के बाद आज से ही विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो गया है। इस सत्र में विधान परिषद के खत्म किए जाने पर चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार राज्य का पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के विधायकों ने विधानसभा सत्र के बहिष्कार का फैसला किया है। रविवार को नायडू ने अपने विधायकों के साथ बैठक की, जिसमें तय किया गया कि पार्टी के 21 विधायक सत्र का बहिष्कार करेंगे।

टीडीपी ने किया विरोध

जगन सरकार के विधान परिषद खत्म करने के प्रस्ताव पर टीडीपी सांसद के रवींद्र कुमार ने कहा, 'यह सरकार नहीं है, यह वाईएस जगन मोहन रेड्डी हैं। इससे पता चलता है कि राज्य में कोई संवैधानिक आदर्श और किसी संवैधानिक निकाय के लिए कोई सम्मान नहीं बचा है।'

जानें विधान परिषद खत्म करने के पीछे क्या है वजह

आंध्र प्रदेश विधान परिषद में 58 सदस्य हैं। जगन मोहन रेड्डी के हाथों में बेशक राज्य की सत्ता की चाबी है लेकिन उच्च सदन यानी विधान परिषद् में चंद्रबाबू की पार्टी के पास बहुमत है। यहां टीडीपी के 27 और वाईएसआर कांग्रेस के नौ विधायक हैं। विधान परिषद में जगन के तीन राजधानियों वाले महत्वकांक्षी प्रस्ताव को झटका लगा है। इस संबंध में जब विधेयक को विधान परिषद में पेश किया गया तो टीडीपी ने इसे सिलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया, जिसके कारण उनकी यह परियोजना लटक गई।

वर्तमान में इन राज्यों में है विधान परिषद

वर्तमान में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में विधान परिषद् है।

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