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नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 4700 से ज्यादा हिरासत में, अकेले गुजरात में 8000 पर एफआईआर

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ गुरुवार को देश के कई शहरों में प्रदर्शन हुए। निषेधाज्ञा आदेशों...
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 4700 से ज्यादा हिरासत में, अकेले गुजरात में 8000 पर एफआईआर

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ गुरुवार को देश के कई शहरों में प्रदर्शन हुए। निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन करते हुए छात्रों समेत हजारों लोग सड़क पर उतर आए। इस दौरान कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात के कुछ हिस्सों में हिंसा हुई, जिनमें तीन लोगों की मौत हो गई। गुजरात पुलिस ने नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में शामिल रहे आठ हजार लोगों पर हत्या की साजिश और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। शुक्रवार को इस मामले में अहमदाबाद से कांग्रेस पार्षद समेत 49 लोगों की गिरफ्तारी हुई। वहीं दिल्ली में 1200 लोगों को हिरासत में लिया गया तो उत्तर प्रदेश में 3455 लोगों को हिरासत में लिया गया।

गुजरात

अहमदाबाद के शाह आलम इलाके में नागरिकता कानून का विरोध कर रही भीड़ ने गुरुवार को पुलिस के जवानों पर पथराव किया था। हमले में एक डीसीपी, एक एसीपी समेत 21 पुलिसकर्मी घायल हुए। मामले में 5 हजार लोगों पर ईसनपुर थाने में केस दर्ज किया गया है, जिसमें हत्या की साजिश, पुलिस के काम में रुकावट डालना जैसी धाराएं लगाई गई हैं। शुक्रवार को कांग्रेस पार्षद शहजाद खान समेत 49 लोगों की गिरफ्तारी हुई। वहीं, बनासकांठा के मुख्य हाईवे पर पुलिस की गाड़ी पर हमला करने के मामले में 3022 प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज हुआ है। इनमें से 22 की पहचान कर ली गई है।

दिल्ली

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन पर लगी रोक के बावजूद सड़कों पर उतरने के चलते सैकड़ों छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया गया, जबकि कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। कई मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया, जिससे शहर में यातायात प्रभावित हुआ। दिल्ली पुलिस ने स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव, वकील प्रशांत भूषण, शिक्षाविद हर्ष मंदर, छात्र नेता उमर खालिद और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित समेत 1200 लोगों को हिरासत में लिया था। उन्हें बवाना, नांगलोई और केशवपुरम में बनाई गई अस्थायी जेलों में भेजा गया।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू होने के बावजूद गुरुवार को लखनऊ और संभल में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। पुलिस ने लखनऊ में सात केस दर्ज किए और 200 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। फायरिंग में मारे गए युवक के पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी हुई। संभल जिले में हिंसा और आगजनी के मामले में सपा सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क समेत 17 पर केस दर्ज हुआ है। प्रदेश में अब तक कुल 3305 लोग हिरासत में लिए गए। 20 जिलों में मोबाइल इंटरनेट ठप है। जुमे की नमाज के चलते प्रशासन मुस्तैद है। 

वहीं मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित करोड़ों लोगों ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी में सड़कों पर उतरकर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया, आदेशों की अवहेलना करते हुए सार्वजनिक स्थान पर लोगों को समूहों में बदलने से पर रोक दिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, लगभग 150 लोगों को हिरासत में लिया गया, इसके अलावा राजधानी सहित पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

 

 

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