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नागरिकता कानून को लेकर यूपी के रामपुर में पथराव, आंसू गैस के गोले दागे, कई घायल

यूपी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन जारी हैं। शनिवार को यूपी के...
नागरिकता कानून को लेकर यूपी के रामपुर में पथराव, आंसू गैस के गोले दागे, कई घायल

यूपी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन जारी हैं। शनिवार को यूपी के रामपुर में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं जिसमें पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया तो पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैसे के गोले दागे। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में करीब 400 से 500 लोग यहां एकत्रित हुए थे।

जिला मजिस्ट्रेट औंजनेय सिंह ने कहा कि पांच प्रदर्शनकारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और इनमें एक की हालत गंभीर बताई गई है। इस संघर्ष में प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं।" शनिवार को रामपुर में बंद का आह्वान किया गया था। धारा 144 लागू होने के बावजूद यहां लोग एकत्रित हुए।

 

इंटरनेट सेवा रहेंगी सस्पेंड

यूपी के 15 जिलो में इंटरनेट सेवाओं को सोमवार 12 बजे तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लखनऊ, बरेली, मऊ, कानपुर, उन्नाव, प्रयागराज, सहारनपुर, मेरठ, शामली, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, संभल, आजमगढ़, आगरा, मुरादाबाद में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।

13 की मौत, 705 गिरफ्तार

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन शहरों में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई है। यह आग प्रदेश के 40 से ज्यादा शहरों में पहुंच चुकी है। अभी तक  हिंसा में 13 लोगों की जान जा चुकी है। मरने वालों में कानपुर के दो लोग, मेरठ के चार लोग, बिजनौर के दो, संभल के दो, फिरोजाबाद के दो और रामपुर का एक व्‍यक्ति शामिल है। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने 5,200 लोगों को हिरासत में लिया, जिसमें से 705 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि बाकी लोगों को छोड़ दिया गया है। वहीं 150 लोगों पर एफआइआर भी दर्ज की गई है। सूत्रों के अनुसार स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से अतिरिक्त सुरक्षा बल की भी मांग की है। वहीं, प्रदेश के बिगड़ते हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति की अपील की है। साथ ही, राजनीतिक दलों पर इस आग को भड़काने का आरोप भी लगाया है।

पश्चिम उत्तर प्रदेश में हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं। बुलंदशहर से लेकर मेरठ, हापुड़, बिजनौर, मुज़फ्फरनगर और सहारनपुर तक लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदेश में ज्यादातर जगहों पर प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं रहा। हर जगह पत्थरबाजी, आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। यूपी में अब तक हिंसक प्रदर्शन के दौरान 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिसमें फिरोजाबाद, बिजनौर और कानपुर में दो-दो मौत जबकि मेरठ में चार और संभल में एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई है। घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं।

कानपुर में आठ प्रदर्शनकारियों को लगी गोली  

शुक्रवार को कानपुर में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष में आठ लोगों को गोली लगने की बात सामने आई। मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी फूंक दी। इस बात की पुष्टि करते हुए यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव, अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा के दौरान गुरुवार को 5 लोगों की मौत हो गई।

पुलिस पर पथराव

वहीं, कई जिलों में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। उन्होंने पुलिस पर पथराव किया तो गोरखपुर में पुलिस और लोगों ने एक दूसरे पर पत्थर फेंके। वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। करीब 15 जिलों में इंटरनेट सेवा सस्पेंड कर दी गई है। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया।

गोरखपुर में किया प्रदर्शन

कई शहरों में प्रदर्शनकारी यूपी पुलिस के साथ भिड़ गए और रैलियों को निकालने से रोक दिए जाने पर पथराव और आगजनी की। इस पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। संवेदनशील क्षेत्रों में, पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। प्रदर्शनकारियों ने फिरोजाबाद में पुलिसकर्मियों सहित कम से कम छह वाहनों में आग लगा दी, जिससे पुलिस ने तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। 

भदोही के एसपी रामबदन सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ईंट-पत्थर बरसाए और कई मोटरसाइकिलों को क्षतिग्रस्त कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में बड़े प्रदर्शनों का आयोजन किया गया, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया।

पुलिस चौकी फूंकी

शुक्रवार को गाजियाबाद, गोरखपुर, कानपुर, उन्नाव, बुलंदशहर, हाथरस, हापुड़, अमरोहा, मुजफ्फरनगर, सीतापुर, बिजनौर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, भदोही और बहराइच में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। मेरठ जिले में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की इस्लामाबाद चौकी को आग लगा दी। इसके साथ ही कई गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की गई। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आंसू गैस के गोले दागे। हरदोई और फर्रुखाबाद में वाहनों में आग लगा दी और पुलिस चौकियों में तोड़फोड़ की।  हालांकि, देवबंद में, विरोध प्रदर्शन अपेक्षाकृत अहिंसक रहा।

सोशल मीडिया अकाउंट पर एक्शन

पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा  विरोध के बाद से 3,037 फेसबुक पोस्ट, 1,786 ट्विटर पोस्ट और 38 यूट्यूब वीडियो (हिंसा के दृश्य) हटा दिए गए हैं। पुलिस ने कहा कि राजधानी सहित 15 जिलों में इंटरनेट और डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) सेवाएं बंद कर दी गईं। 

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