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यूपी: एक ऐसा प्राइमरी स्कूल, जो दे रहा निजी स्कूलों को टक्कर

मन में अगर कुछ नया करने की जिद, मेहनत और लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं। कुछ ऐसा ही किया है उत्तर प्रदेश के...
यूपी: एक ऐसा प्राइमरी स्कूल, जो दे रहा निजी स्कूलों को टक्कर

मन में अगर कुछ नया करने की जिद, मेहनत और लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं। कुछ ऐसा ही किया है उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने। तमाम समस्याओं, संघर्षों और सरकारी उपेक्षा के बाद भी उनके प्रयासों से चंद वर्षों में एक सरकारी प्राइमरी स्कूल, पब्लिक स्कूलों को टक्कर दे रहा है। उनके अथक प्रयासों को देखते हुए पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान (राष्ट्रपति अवार्ड) से सम्मानित करेंगे।

हम बात कर रहे हैं बस्ती जिले के एक छोटे से क्षेत्र के आदर्श प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सर्वेष्ट कुमार की। सर्वेष्ट उत्तर प्रदेश के एक मात्र ऐसे आदर्श शिक्षक हैं जिनका चयन इस वर्ष के राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान (राष्ट्रपति अवार्ड) के लिए उत्तर प्रदेश से किया गया है। सर्वेष्ट कुमार का इस अवार्ड के लिए चयन भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के इंडीपेंडेंट नेशनल ज्यूरी ने उत्तर प्रदेश के छह शिक्षकों के नई दिल्ली में पॉवर पॉइंट प्रस्तुतिकरण के बाद किया है। सर्वेष्ट को महज 39 वर्ष की उम्र में यह प्रतिष्ठित अवार्ड मिला है। बस्ती जिले का आदर्श प्राथमिक विद्यालय मूड़घाट पहला स्मार्ट क्लास सुविधा युक्त ऐसा विद्यालय है, जिसे सर्वेष्ट कुमार ने व्यक्तिगत प्रयास और जनसहयोग से लगभग पांच लाख के अधिक के संसाधन जुटाकर उसे एक स्मार्ट स्कूल के रूप में विकसित किया है। विद्यालय में पाठ्यक्रम की पढाई प्रत्येक माह शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार होती है।

सर्वेष्ट कहते हैं कि हम सत्र 2018-19 को गुणवत्ता ईयर के रूप में मना रहे हैं। इस साल हमने अपने शिक्षक साथियों के साथ मिलकर तय किया है कि हम बच्चों की एक सामान्य ज्ञान और कौशल प्रतियोगिता अगले साल शहर के कुछ अच्छे माने जाने वाले स्कूलों के बच्चों के साथ सार्वजनिक रूप से कराने का प्रयास करेंगे और विजेता बन कर दिखाएंगे।

टीएलएम और नवाचारों के सहारे निखार रहे प्रतिभा

स्कूल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां बच्चों की पढ़ाई केवल किताबों के सहारे नहीं, बल्कि उन्हें विभिन्न प्रकार के टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मटेरियल) और नवाचारों के सहारे दी जाती है। स्कूल में एक टीएलएम बैंक है, जहां शिक्षकों द्वारा तैयार टीएलएम रखे गए हैं और जरूरत के हिसाब से प्रयोग किए जाते हैं और नवाचारों के माध्यम से यहां बच्चों को सीखने की सुविधा दी जाती है।

सर्वेष्ट कुमार

शिक्षा में आईसीटी (इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नॉलजी इन एजूकेशन) का प्रयोग

सर्वेष्ट ने स्कूल को बस्ती जिले का पहला स्मार्ट क्लास सुविधायुक्त विद्यालय बनाया। जहां, उन्होंने जनसहयोग से प्रोजेक्टर, कंप्यूटर, लैपटॉप, टीवी, साउंड सिस्टम, करोके साउंड सिस्टम जैसे संसाधनों की व्यवस्था की और उसके सहारे बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा दे रहे हैं।

रेड, ग्रीन, ब्लू और येलो हाउस में विभाजित है स्कूल

बच्चों और शिक्षकों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकसित करने और आकर्षक व्यक्तित्व निर्माण के लिए बच्चों को चार हाउसेज रेड, ग्रीन, ब्लू और येलो में बांटा गया है। जनसहयोग से सभी बच्चों को पहनने के लिए इस तरह की टीशर्ट्स, सफेद स्कर्ट और पैंट की व्यवस्था भी की गई है। सभी बच्चों को निःशुल्क टाई, बेल्ट और आईडी कार्ड उपलब्ध कराया गया है। इन हाउसेज के नाम रानी लक्ष्मी बाई हाउस- रेड, कलाम हाउस-ग्रीन, रमन हाउस- ब्लू और विवेकानंद हाउस- यलो हाउस है। बच्चों में नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए बाल संसद का गठन भी किया गया है।

19 से 235 पहुंची बच्चों की संख्या

सर्वेष्ट ने जुलाई 2016 में जब इस विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किया तो उन्हें केवल 19 बच्चे मिले थे। नामांकन बढ़ाने के लिए उन्होंने लगभग तीन सौ घरों में व्यक्तिगत जनसंपर्क किया और एक माह भीतर ही अगस्त 2016 में छात्र संख्या 155 हो गई। अप्रैल 2017 में संख्या 211 हुई, जो अब बढ़कर 235 तक पहुंच चुकी है।

जनसहयोग से जुटाए लाखों के संसाधन

सर्वेष्ट ने स्कूल को स्मार्ट स्कूल के रूप में स्थापित करने के लिए व्यक्तिगत धन और समाज के तमाम लोगों से मदद लेकर स्कूल में लाखों रुपये के संसाधन जुटाए। स्कूल की वाल पुट्टी, प्लास्टिक पेंट, आकर्षक वाल राइटिंग से विद्यालय का आकर्षक भवन और फूल पत्तियों से युक्त परिसर पब्लिक स्कूलों सरीखा है। बच्चों और स्टाफ के लिए फर्नीचर की भी व्यवस्था है। इसके अलावा सभी कमरों के लिए नौ पंखे, पांच व्हाइट बोर्ड, मॉडल शौचालय, सम्बर्सिबल पम्प, टीवी, कम्प्यूटर, बॉयोमेट्रिक, मैट आदि की व्यवस्था है। समय-समय पर बच्चों को स्टेशनरी, कपड़े जूते, स्वेटर, गर्म कपड़े सहित अन्य जरूरतें भी दी जाती हैं।

स्कूल के यू ट्यूब पर चार सौ वीडियो

सर्वेष्ट ने अपने स्कूल के कार्यों को दूसरों तक पहुंचाने के लिए स्कूल की वेबसाइट www.mpsmoorghat.com बनाई है। model primary school moorghat के नाम से यूट्यूब चैनल है, जिस पर स्कूल की गतिविधियों से संबंधित करीब 400 वीडियो हैं। स्कूल का ट्विटर एकाउंट @mpsmoorghat के नाम से और फेसबुक पेज आदर्श प्राथमिक विद्यालय मूडघाट के नाम से है।

बोलती दीवारें हैं स्कूल की पहचान

स्कूल को न केवल अच्छी पढ़ाई के लिए जाना जाता है, बल्कि स्कूल को एक छोटे कौशल विकास केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। जहां पर बच्चों को कंप्यूटर, आर्ट क्राफ्ट, इंग्लिश स्पीकिंग, व्यक्तित्व निर्माण, सिलाई कढ़ाई जैसे कौशल शिक्षकों द्वारा सिखाए जाते हैं। स्कूल का बेहतरीन और आकर्षक रंग रोगन कराया गया है। साथ ही परिसर के भीतर और कक्षाओं की दीवारों को कक्षानुरूप पढ़ाई के चित्रों, ज्ञानवर्धक जानकारी देतीं पेंटिंग भी कराई गई है। स्कूल गेट के बोर्ड से लेकर हर दीवार बच्चों को कुछ न कुछ सीखने का अवसर उपलब्ध कराती है।

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