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बुलंदशहर हिंसा मामले में बजरंग दल के नेता समेत 4 गिरफ्तार, इंस्पेक्टर की बहन ने पुलिस पर लगाए कई आरोप

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोहत्या के नाम पर हिंसक प्रदर्शन हुआ था। सोमवार को हुई इस हिंसा...
बुलंदशहर हिंसा मामले में बजरंग दल के नेता समेत 4 गिरफ्तार, इंस्पेक्टर की बहन ने पुलिस पर लगाए कई आरोप

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोहत्या के नाम पर हिंसक प्रदर्शन हुआ था। सोमवार को हुई इस हिंसा में स्याना थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत दो लोगों की जान चली गई। अभी तक इस मामले में 27 लोगों (नामजद) पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है। अब पुलिस इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। एफआईआर में बजरंग दल के नेता योगेश राज का भी नाम शामिल है।

 जिले में धारा 144 लागू 

स्याना थाना क्षेत्र के मऊ गांव में गोहत्या के शक के बाद भड़की हिंसा में भीड़ ने ऐसा बवाल काटा कि इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक आम नागरिक की मौत हो गई। उपद्रवियों ने पुलिस चौकी फूंक दी और दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया। बुलंदशहर हिंसा में तनाव के मद्देनजर जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है।

 

इंस्पेक्टर की बहन ने पुलिस पर लगाए कई आरोप 

 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इंस्पेक्टर सुबोध की बहन ने पुलिस पर बेहद संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे भाई की हत्या अखलाक केस की जांच करने के चलते की गई है। उनकी हत्या में पुलिस भी शामिल है।

 

इंस्पेक्टर की बहन ने कहा कि उन्हें शहीद घोषित किया जाना चाहिए और स्मारक बनाया जाना चाहिए। हम पैसे नहीं चाहते हैं। मुख्यमंत्री केवल गाय गाय गाय कहते रहते हैं।

‘हिंदू-मुस्लिम विवाद में गई पिता की जान, कल कोई और मारा जाएगा’

गोहत्या के शक में हुई हिंसा के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के बेटे अभिषेक ने कहा कि मुझे मेरे पिता ने एक अच्छा इंसान बनने की सलाह दी। उन्होंने मुझे हमेशा धर्म के नाम पर होने वाली हिंसा से दूर रहने को कहा। लेकिन आज हिंदू-मुस्लिम विवाद में मेरे पिता की जान गई, कल किसी और के पिता को मारा जाएगा।

क्यों भड़की हिंसा?

एडीजी लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि सोमवार सुबह गोवंश के काटे जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। गांव के लोगों ने आक्रोशित होकर रोड जाम कर दिया। महाव और चिंगरावठी समेत तीन गांवों के लोग वहां पर मौजूद थे। आनंद कुमार ने कहा, 'लोगों ने शिकायत की थी कि खेत में गोवंश के अवशेष पाए गए थे। उनको कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया था लेकिन गांववाले ट्रैक्टर पर अवशेष लादकर लाए और मेन रोड ब्लॉक कर दिया। विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस बल ने लाठीचार्ज कर दिया।'

इस दौरान भीड़ ने पथराव किया। पुलिस के कई वाहन फूंक दिए तथा चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी। भीड़ की इस हिंसा में एक पुलिसवाले और एक आम नागरिक की मौत हो गई। डीएम बुलंदशहर ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि इंस्पेक्टर की मौत गोली लगने से हुई है। गोली बांई आंख के पास खोपड़ी के अंदर चली गई थी।

प्रत्यक्षदर्शी ने बताई हिंसा की कहानी

घटना के प्रत्यक्षदर्शी सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि लगभग 300 से 500 लोगों ने पूरे पुलिस बल पर धावा बोला था। सुरेश कुमार ने बताया, 'भीड़ ने सड़क जाम कर दी और पुलिस पर पत्थरबाजी करने लगे। पूरे पुलिस बल पर हमला किया गया। मैं खुद भी घायल हो गया और ‌फिर मुझे नहीं पता क्या हुआ?'

सुरेश कुमार ने बताया, 'पुलिस को घटना के बारे में जानकारी मिली और हम घटनास्थल पर पहुंचे। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद हमने मवेशियों के टुकड़े देखे और लोगों को आश्वासन दिया कि इसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा। वहां काफी उथल-पुथल का माहौल था, हमारे अधिकारी लोगों का बयान ले रहे थे लेकिन वे सभी कुछ और ही कह रहे थे। हमने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन फेल रहे।'

इंस्पेक्टर का 'दादरी कनेक्शन'

हिंसा में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह दादरी के अखलाक हत्याकांड में जांच अधिकारी भी रहे थे। उन्होंने 28 सितम्बर 2015 से 9 नवम्बर 2015 तक मामले की जांच की थी। हालांकि जांच के दौरान ही उनका वाराणसी तबादला कर दिया गया था। उनके तबादले के बाद अखलाक हत्याकांड में दूसरे जांच अधिकारी ने मार्च 2016 में चार्जशीट दाखिल की थी।

एसआईटी गठित

बुलंदशहर हिंसा की जांच करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इस दौरान एडीजी-इंटेलिजेंस और मजिस्ट्रेट लेवल की जांच भी की जाएगी। एडीजी लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार ने प्रेस कांफ्रेस कर बताया कि आइजी मेरठ जोन के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है जबकि इसकी मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश भी हो चुका है।

उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच शुरू हो गयी है। एसआईटी गठित कर दी गयी है। आईजी रेंज मेरठ इसके अध्यक्ष होंगे। एडीजी इंटेलीजेंस को भी जांच के लिए भेजा जा रहा है। जांच दो अलग अलग मामलों पर की जायेगी। पहली जानवर के अवशेष और ग्रामीणों के आक्रोश को लेकर और दूसरी जांच इंस्पेक्टर की मौत को लेकर की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ वीडियो सामने आये हैं। जिनमे से असामाजिक तत्वों को चिन्हित किया जा रहा है। सभी पहलुओं की जांच की जायेगी।

एडीजी इंटेलीजेंस दो दिनों के अंदर इस बारे में रिपोर्ट वो पेश करेंगे। एसआईटी, अफवाह और बाद की हिंसा की जांच के लिए आईजी मेरठ रेंज की अगुआई में गठित की गई है।

सीएम ने जताया दुख, मुआवजे का ऐलान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हिंसा और इंस्पेक्टर की मौत पर गहरा दुख जताया है तथा दो दिन में  मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। साथ ही बुलंदशहर के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के सख्त निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने मृत पुलिस इंस्पेक्टर की पत्नी को 40 लाख रुपये और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही उनके आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी बात कही है।

इज्तेमा से लौट रहे लोगों से भी मारपीट

उधर, बुलंदशहर में इज्तेमा से लौट रहा का‌फिला भी हिंसा के कारण फंस गया। भीड़ ने इज्तेमा से लौट रहे युवकों से भी मारपीट की। फिलहाल ऐसे वाहनों का रूट डायवर्ट कर औरंगाबाद से जहांगीराबाद से निकाला जा रहा है। मौके पर एसएपी और आला अधिकारी भारी पुलिस फोर्स के साथ मौजूद हैं।

जिले में तनावपूर्ण हालात

इस घटना के बाद जिले में स्थिति तनावपूर्ण है। मौके पर भारी पुलिस फोर्स भेजी जा रही है। आसपास के जिलों की फोर्स बुलंदशहर की ओर रवाना हो गई है। जिले में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है।

 

 

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