रूस ने बुधवार को भारत को अपना करीबी मित्र बताते हुए कहा कि "भारत हमारे लिए बहुत मायने रखता है।" यह बयान तब आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी। रूसी दूतावास के प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प के इस कदम को "अनुचित और एकतरफा" करार दिया। उन्होंने कहा कि अगर पश्चिमी देश भारत की आलोचना करते हैं, तो यह दर्शाता है कि भारत सही रास्ते पर है।
बाबुश्किन ने भारत-रूस के रणनीतिक संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग मजबूत है। उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई दो टेलीफोनिक बातचीत का जिक्र किया, जिसमें यूक्रेन संकट और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई। बाबुश्किन ने कहा कि अगर भारतीय सामान को अमेरिकी बाजार में दिक्कत हो रही है, तो रूस भारतीय निर्यात का स्वागत करता है।
ट्रम्प ने जुलाई 30 को भारत पर 25% टैरिफ लगाया था, जिसे 7 अगस्त को बढ़ाकर 50% कर दिया गया। उन्होंने दावा किया कि यह कदम रूस की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है, क्योंकि भारत रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है। ट्रम्प ने भारत को रूस के साथ व्यापार के लिए "युद्ध मशीन को बढ़ावा देने" का आरोप लगाया। जवाब में भारत ने इसे "अनुचित और अनुचित" बताया, यह इंगित करते हुए कि अमेरिका और यूरोपीय संघ भी रूस के साथ व्यापार करते हैं।
भारत ने स्पष्ट किया कि उसका तेल आयात वैश्विक बाजार की स्थिति और राष्ट्रीय हितों पर आधारित है। रूस से तेल खरीद 2022 में यूक्रेन संकट के बाद शुरू हुई, जब पश्चिमी देशों ने रूसी तेल पर मूल्य सीमा लगाई थी। भारत ने इसे सस्ते दामों पर खरीदा, जिससे वैश्विक तेल कीमतें स्थिर रहीं। बाबुश्किन ने कहा कि रूस और भारत मिलकर किसी भी चुनौती का समाधान कर सकते हैं।
इस बीच, ट्रम्प और पुतिन की 15 अगस्त को अलास्का में मुलाकात हुई, जहां यूक्रेन युद्ध पर चर्चा हुई। भारत ने शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया। यह घटनाक्रम भारत-रूस की दोस्ती को और मजबूत करता है, जबकि ट्रम्प के टैरिफ भारत के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर रहे हैं।