Advertisement

राफेल मानहानि मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को स्थानीय अदालत में पेशी से 25 जनवरी तक राहत दी

भाजपा द्वारा राहुल गांधी पर किए गए मानहानि केस में एक नया मोड़ सामने आता दिख रहा है। बंबई उच्च न्यायालय...
राफेल मानहानि मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को स्थानीय अदालत में पेशी से 25 जनवरी तक राहत दी

भाजपा द्वारा राहुल गांधी पर किए गए मानहानि केस में एक नया मोड़ सामने आता दिख रहा है। बंबई उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को स्थानीय अदालत में पेश होने से मिली राहत की अवधि सोमवार को 25 जनवरी 2023 तक बढ़ा दी। बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बंबई की एक स्थानीय अदालत में नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर मानहानि का एक मुक़दमा चल रहा है।

स्थानीय अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती देने के लिए राहुल गांधी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। वहीं दूसरी तरफ़ न्यायमूर्ति अमित बोरकर की एकल पीठ ने गांधी की याचिका पर सुनवाई 20 जनवरी, 2023 तक के लिए स्थगित कर दी। हालांकि न्यायमूर्ति बोरकर ने कहा, "पहले दी गई अंतरिम राहत 25 जनवरी, 2023 तक जारी रहेगी।"    

राहुल गांधी के वकील सुदीप पासबोला ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह एक ऐसा मामला है जहां एक व्यक्ति प्रधानमंत्री पर की गई कथित टिप्पणियों से बदनाम होने का दावा कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ़ न्यायमूर्ति बोरकर ने कहा कि अदालत मामले की सुनवाई 20 जनवरी को करेगी।

गौरतलब है गांधी ने राफेल फाइटर जेट सौदे को लेकर 2018 में प्रधान मंत्री मोदी को "कमांडर-इन-थीफ" कहा था। जिसको लेकर महेश श्रीश्रीमल द्वारा दायर मानहानि की शिकायत में स्थानीय अदालत ने गांधी को कोर्ट के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। जिसमें वह खुद को भाजपा पार्टी कार्यकर्ता होने का दावा कर रहा था। शिकायतकर्ता का आरोप था कि गांधी ने सितंबर 2018 में राजस्थान में एक रैली की थी, जहां उन्होंने मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि गांधी "मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयान दे रहे थे और उन्हें 'कमांडर इन थीफ' कहकर भाजपा के सभी सदस्यों और मोदी से जुड़े भारतीय नागरिकों के खिलाफ चोरी का सीधा आरोप लगाया।"

गांधी ने जारी सम्मन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। एचसी ने नवंबर 2021 में मजिस्ट्रेट को मानहानि की शिकायत पर सुनवाई टालने का निर्देश दिया, जिसका मतलब था कि कांग्रेस नेता को मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने की आवश्यकता नहीं होगी।

मजिस्ट्रेट ने अगस्त 2019 में गांधी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की थी। हालांकि, कांग्रेस नेता ने हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में दावा किया कि उन्हें इस बारे में जुलाई 2021 में ही पता चला। अपनी याचिका में गांधी ने कहा कि तत्काल शिकायत शिकायतकर्ता के अव्यक्त राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के एकमात्र उद्देश्य से प्रेरित एक तुच्छ और कष्टप्रद मुकदमेबाजी का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता के पास शिकायत दर्ज करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि मानहानि केवल उस व्यक्ति द्वारा शुरू की जा सकती है जिसे कथित रूप से बदनाम किया गया है।

         

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad