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केंद्र के कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र 19 को

कृषि कानूनों काे वापस लिए जाने को लेकर पंजाब के किसान संगठनों की बुधवार को दिल्ली में केंद्र सरकार के...
केंद्र के कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र 19 को

कृषि कानूनों काे वापस लिए जाने को लेकर पंजाब के किसान संगठनों की बुधवार को दिल्ली में केंद्र सरकार के साथ बैठक का किसानों द्वारा बहिष्कार के बीच पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बुधवार को केबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 19 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की घोषणा की है। इस सत्र में केंद्र के तीनों कृषि विधेयक राज्य सरकार द्वारा निरस्त िकए जाने का प्रस्ताव लाया जाएगा। िवधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर राज्य के किसान संगठनों समेत शिरोमणी अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने पिछले कई िदनों से कैप्टन सरकार पर भारी दबाव बनाया हुआ था। 27 अगस्त के विधानसभा सत्र का शिअद ने बहिष्कार किया था। उम्मीद है कि 19 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा के इस विशेष सत्र में सभी दलों के विधायक बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे। बुधवार को किसान संगठनों की दिल्ली मंे केंद्र सरकार से बैठक के बहिष्कार के बाद अब पंजाब व हरियाणा समेत अन्य राज्यों मंे भी किसानांे का आंदोलन बड़ा रुप लेने की प्रबल संभावना है। यहां के किसानों के आहवान पर 5 नवम्बर को राष्ट्रव्यापी चक्का जाम किया जाएगा।

   तीनांे कृषि विधेयकों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े पंजाब के किसान अपने बीवी-बच्चों समेत पिछले 20 दिन से यहां 100 से अधिक रेलवे ट्रैक्स,टोल प्लाजा और पेट्रोल पंपों पर पक्के मौर्चेे लगाए बैठे हैं। बुधवार को केंद्र सरकार से दिल्ली मंे होने वाली बैठक का बहिष्कार करने वाले भारतीय किसान यूनियन(राजेवाल)के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि बातचीत के लिए किसानों को दिल्ली बुलाने वाली केंद्र सरकार ने किसानों का अपमान किया है। बैठक में केंद्र सरकार की ओर से काेई मंत्री शामिल नहीं हुआ। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तौमर का बैठक में शामिल होना जरुरी था पर उनके प्रतिनिधी के तौर पर शामिल हुए केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल भी िवधेयकों का निरस्त करने का आश्वासन देने की बजाय किसानांे को इसके कथित फायदों का बखान करने लगे। मुश्किल से आधा घंटा चली इस बैठक मंे गुस्साए किसान कृषि विधेयकों की कॉपियों को फाड़ते हुए बैठक से बाहर निकल आए।  

    इधर कृषि क्षेत्र में कॉरपोरेट सेक्टर का विरोध करने वाले किसान संगठनों द्वारा पंजाब में रिलायंस के पेट्रौल पंपों पर धरने लगाए जाने के चलते कई इलाकों में रिलायंस के पंपों पर तेल की अापूर्ति ठप हो गई है। एक आेर किसानों द्वारा जहां कॉरपोरट सेक्टर का भारी विरोध किया जा रहा है वहीं दूसरी और पंजाब के कुछ काॅरपोरेट सेक्टर इस संघर्ष मंे खुलकर किसानों के साथ आ खड़े हुए हैं। होशियारपुर के सोनालीका ग्रुप ने बुधवार को राज्य के कई इलाकों मंे टोल प्लाजा पर मौर्चा लगाने वाले किसानों के बीच अपनी टीमंे भेजकर खाने पीने की वस्तुएं वितरित की। सोनालीका ग्रुप के वाइस चेयरमैन अमृत सागर मित्तल ने कहा कि जिन किसानों की बदौलत एक लोकल ब्रांड ग्लोबल हुआ है वह संघर्ष की इस घड़ी मंे किसानों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि किसानों को नए कृषि विधेयकों से एमएसपी खाेने और कॉरपोरेट्स के कृिष क्षेत्र मंे दखल को लेकर स्थिति स्पष्ट करे।  

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