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हरियाणा में एक बार फिर धान घोटाला, 98 राइस मिलों से 18883 मीट्रिक टन धान गायब

हरियाणा में एक बार फिर धान घोटाला सामने आया है। इस बार केंद्र बिंदु 6 जिलों की राइस मिलें रही हैं, जिसमें...
हरियाणा में एक बार फिर धान घोटाला, 98 राइस मिलों से 18883 मीट्रिक टन धान गायब

हरियाणा में एक बार फिर धान घोटाला सामने आया है। इस बार केंद्र बिंदु 6 जिलों की राइस मिलें रही हैं, जिसमें सबसे ज्यादा कुरुक्षेत्र की 39 राइस मिलों के स्टॉक में 11960 मीट्रिक टन धान कम पाया गया है। बताया गया कि 6 जिलों से ही विभाग के पास सबसे ज्यादा शिकायतें आई थीं जिसके बाद ही वैरीफिकेशन का काम पूरा किया गया।

विभाग की वैरीफिकेशन में 6 में से 5 जिलों की 98 राइस मिलों में कुल 18883 मीट्रिक टन धान कम पाया गया है। पहले भी धान घोटाला उजागर हो चुका है जिसमें फिजिकल वैरीफिकेशन के बाद सैकड़ों राइस मिलों को नोटिस देकर पैसे वसूले गए थे। कई राइस मिलों को डिफाल्टर घोषित करने के साथ कानूनी कार्रवाई की गई थी। गौरतलब है कि पिछले दिनों सरकार के पास कई राइस मिलों में धान घोटाले की शिकायतें मिली थी। करनाल की एक राइस मिल मालिक पर दूसरे प्रदेशों से चावल मंगवाने के मामले में मुकद्दमा भी दर्ज किया गया था। उसके बाद ही खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 6 जिलों की राइस मिलों का फिजिकल वैरीफिकेशन कर स्टॉक की चैकिंग की थी, जिसमें 98 राइस मिलों 18883 मीट्रिक टन धान कम पाया गया है।

घोटाले पर राइस मिलरों से की थी 98 करोड़ वसूली

खट्टर सरकार पार्ट 2 आने के बाद ही धान घोटाले की सुगबुगाहट पर सरकार ने मिलों का फिजिकल वैरीफिकेशन कराया था। इसे लेकर राइस मिलरों ने काफी दिन तक हड़ताल की थी। जांच में भी हजारों मीट्रिक टन धान कम पाया गया था जिस पर विभाग ने करीब 98 करोड़ की वसूली राइस मिलरों से की थी। जबकि कई राइस मिलरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर मुकद्दमा दर्ज करवाया गया था।

सरकार पर निशाना

दूसरी बार धान घोटाला सामने आने के बाद एक बार फिर विपक्ष सरकार पर हमलावर होगा। पहले भी कांग्रेस और इनैलो की ओर से सरकार पर लगातार हमला किया जा रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुर्जेवाला लगातार सरकार पर घोटाले का आरोप लगा रहे हैं, ऐसे में सरकार को फिर से जवाब देना होगा।

पलवल में पूरा मिला स्टॉक

विभाग के अफसरों ने 6 जिलों अम्बाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पलवल और यमुनानगर की 557 राइस मिलों का फिजिकल वैरीफिकेशन किया। अम्बाला की 72, करनाल की 190, कैथल की 54, कुरुक्षेत्र की 170, पलवल की 6 और यमुनानगर की 65 राइस मिलें शामिल की गईं। विभाग ने सिर्फ उन मिलों का ही वैरीफिकेशन किया, जिसमें 90 फीसदी से ज्यादा खामियों की शिकायत थी। वैरीफिकेशन में जो तथ्य सामने आए हैं उसमें अम्बाला की 3 राइस मिलों में 8.65 मीट्रिक टन, करनाल की 47 मिलों में 4048 मीट्रिक टन, कैथल की 7 मिलों में 2863 मीट्रिक टन, कुरुक्षेत्र की 39 मिलों में 11960 मीट्रिक टन और यमुनानगर की 2 मिलों में 6.25 मीट्रिक टन धान की कमी पाई गई है। जबकि पलवल की मिलों में कोई  कमी नहीं पाई है।

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