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अमेरिका की नई वीजा नीति से दो लाख भारतीय विद्यार्थियों की पढ़ाई अधर में, पंजाब के 17 हजार से ज्यादा पर संकट

अमेरिका के विश्विद्यालयों में पढ़ने वाले पंजाब के 17 हजार से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य संकट में पड़...
अमेरिका की नई वीजा नीति से दो लाख भारतीय विद्यार्थियों की पढ़ाई अधर में,  पंजाब के 17 हजार से ज्यादा पर संकट

अमेरिका के विश्विद्यालयों में पढ़ने वाले पंजाब के 17 हजार से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य संकट में पड़ गया है। नई वीजा नीति का असर अमेरिका में पढ़ने वाले भारत के करीब दो लाख विद्यार्थियों में से उन पर पड़ सकता है जो कोरोना के समय अमेरिका छोड़कर भारत आ गए हैं या अमेरिका मेंं रहते हुए वे अपने घरों से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं।  पिछले तीन महीने में अमेरिका से पंजाब आने वाले करीब 17 हजार विद्यार्थी हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प  प्रशासन ने 6 जुलाई को नई वीजा नीति जारी की थी। इसमें विदेशी छात्रों के लिए कक्षा में जाकर पढ़ाई को अनिवार्य किया गया था। नई वीजा नीति में कहा गया था कि जो छात्र कक्षाओं में जाकर पढ़ाई नहीं करेंगे, उनका वीजा सस्पेंड कर दिया जाएगा। नई वीजा नीति में कहा गया था कि जो विदेशी छात्र घर बैठकर ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे, उन्हें अमेरिका छोड़ना होगा। पंजाब के एनआरआइ विभाग के मंत्री राणा गुरमीत सोढ़ी का कहना है कि जिस अमेरिका में कोरोना संक्रमण के मामले सबसे अधिक हैं और ऐसे हालात में एक तरह से अमेरिका ने आॅनलाइन पढ़ाई को नकारते हुए विद्यार्थियाें के लिए कोरोना संक्रमण के बावजूद कैंपस पढ़ाई को अनिवार्य कर लाखों विदेशी विद्यार्थियों के जान दाव पर लगा दी है। ट्रंप प्रशासन की ओर से जारी की गई नई वीजा नीति के खिलाफ टेक कंपनियों और राज्यों ने मोर्चा खोल दिया है। गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट समेत 12 से ज्यादा टेक कंपनियों और कई राज्यों ने इस वीजा नीति को लेकर ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया है। 

 नई वीजा नीति को बताया गैरकानूनी:

टेक कंपनियों और राज्यों ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ऑफ मैसाचुसेट्स में मुकदमा दर्ज कराया है। यह मुकदमा डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) और अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीआई) के खिलाफ दर्ज कराया है। टेक कंपनियों का कहना है कि यह नई वीजा नीति क्रूर, आकस्मिक और गैर-कानूनी है। कंपनियों ने नई वीजा नीति पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग की है।

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 60 से ज्यादा विश्वविद्यालयों ने किया विरोध:

नई वीजा नीति के विरोध में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ 60 से भी ज्यादा विश्वविद्यालयों ने भी मुकदमा दर्ज कराया है। 2018-19 एकेडमिक ईयर में अमेरिका में 10 लाख से ज्यादा विदेशी छात्र थे। अकेले मैसाचुसेट्स में ही 77 हजार से ज्यादा विदेशी छात्र है जो हर साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 3.2 बिलियन डॉलर का योगदान देते हैं।

नई वीजा नीति से 2 लाख भारतीय विद्यार्थियों पर असर:
स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (एसईवीपी) के मुताबिक, इस साल जनवरी में 1,94,556 भारतीय छात्र अमेरिका के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के लिए पंजीकृत थे। इसमें 1,26,132 लड़के और 68,405 लड़कियां हैं।

 

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