नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को तंज करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के नियमों को अधिसूचित करके मुस्लिमों को रमजान का तोहफा दिया है।
उमर ने कहा कि लोकसभा चुनाव से महज कुछ दिन पहले सीएए के लिए नियमों को अधिसूचित करना दर्शाता है कि भाजपा आसन्न लोकसभा चुनाव में करीब 400 सीट जीतने को लेकर आश्वस्त नहीं है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसे वर्ष 2019 में पारित किया गया था, लेकिन चुनाव का बिगुल बजने से कुछ दिन पहले सीएए (नियम) को अधिसूचित करने से शायद यह स्पष्ट हो जाता है कि उद्देश्य क्या है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे (भाजपा) कह रहे थे कि राम मंदिर (निर्माण) के बाद वे हार नहीं सकते। लेकिन शायद उन्हें लगता है कि उनकी स्थिति कमजोर है और इसीलिए उन्हें इन नए हथियारों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।’’
अब्दुल्ला ने कहा कि यह स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी लोकसभा चुनाव में धर्म का इस्तेमाल करना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमान हमेशा से भाजपा के निशाने पर रहे हैं जो पार्टी के लिए कोई नई बात नहीं है। यहां तक कि सीएए में भी मुसलमानों को एक विशिष्ट लक्ष्य बनाया गया है। यह भाजपा के लिए कोई नई राजनीति नहीं है, उनका पहले भी यही दृष्टिकोण रहा है।’’ एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी में अब्दुल्ला ने सीएए के लिए नियमों की अधिसूचना को मुसलमानों के लिए ‘रमजान का उपहार’ बताकर इस पर खेद जताया।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    