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दूसरे राज्यों में फंसे 'प्रवासी मजदूरों' के लिए क्या कदम उठा रही हैं सरकारें

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। इसके चलते जहां आम लोगों का दैनिक जीवन...
दूसरे राज्यों में फंसे 'प्रवासी मजदूरों' के लिए क्या कदम उठा रही हैं सरकारें

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। इसके चलते जहां आम लोगों का दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं इसका सबसे बुरा प्रभाव प्रवासी मजदूरों पर देखने को मिल रहा है। आजीविका चलाने अलग अलग राज्यों की ओर कूच किये मजदूरों पर आर्थिक संकट तो मंडरा ही रहा है वहीं अब अनिश्चितता के डर से वे पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने-अपने घर लौटने के लिए निकल पड़े हैं। मीडिया द्वारा इस मामले को उठाने के बाद अब राज्य सरकारें हरकत में आई हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान सरकारों ने हरसंभव मदद के निर्देश दिए हैं।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर आ रहे अन्य राज्यों को पैदल जाने वाले मजदूरों के लिए मानवीय आधार पर विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा है कि उत्तराखंड निवासी सभी लोगों और बिहार जाने वाले सभी श्रमिकों और कर्मकारों एवं अन्य नागरिकों का पूरा ख्याल रखा जाएगा और इन व्यक्तियों को सुरक्षित उनके गन्तव्य स्थल तक भेजा जाएगा। उन्होंने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव परिवहन और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री को निर्देशित किया है कि मानवीय आधार पर ऐसे व्यक्तियों के लिए भोजन व पानी की व्यवस्था की जाए और स्वास्थ्य संबंधी पूरी सावधानी बरतते हुए इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आश्वस्त किया कि बिहार राज्य जाने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों का पूरा ख्याल रखा जाएगा और इन व्यक्तियों को सुरक्षित उनके गन्तव्य स्थल तक भेजा जाएगा।

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वार्ता कर हरियाणा में उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए उनके प्रदेश में यथा स्थान ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। सीएम योदी ने यह भी निर्देश दिए कि वाराणसी सहित प्रदेश के विभिन्न तीर्थ स्थानों पर फंसे अन्य राज्यों यथा गुजरात आदि के तीर्थ यात्रियों के लिए भी भोजन व सुरक्षा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

झारखंड

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड के श्रमिकों की मदद के लिए देश के सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया है। कहा है कि रोजगार के लिए विस्थापन का दंश झेल रहे झारखंड के लिए यह बड़ी आपदा है, कृपया हमारा साथ दें। राज्य सरकार झारखंड में फंसे दूसरे राज्यों के श्रमिकों की हर संभव मदद कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड के लोगों तक मदद पहुंचाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास के बाद दिल्ली में फंसे झारखंड के लोगों के लिए भोजन का प्रबंध हो गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद कहा है। सीएम केजरीवाल ने जानकारी दी कि जिलाधिकारी को निर्देश दे दिया गया है और झारखंड से आए हुए हमारे इन भाइयों को दो वक्त का खाना मिले। दिल्ली में हम कोशिश कर रहें हैं कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे।मुख्यमंत्री को एक वीडियो साझा कर बताया गया कि झारखंड के कुछ लोग दिल्ली में मजदूरी करते हैं। लॉक डाउन की वजह से फंस गए हैं। खाने की व्यवस्था नहीं। भूख से मरने की नौबत आ गई है। मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने अरविंद केजरीवाल से इन्हें मदद पहुंचाने का अनुरोध किया। साथ ही झारखंड से बाहर रह रहे सभी लोगों से वह जहां हैं वहीं रहने का निवेदन किया। ऐसे लोग जरूरत पड़ने पर 0651- 2282201 पर संपर्क करके झारखंड सरकार तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं। कंट्रोल रूम के माध्यम से हर जरूरतमंदों को उचित मदद पहुंचायी जाएगी। इस सम्बंध में सोरेन ने अन्य राज्यों के सीएम से भी आग्रह किया है।

गुजरात

गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन के बीच राजस्थान जाने वाले लगभग 700 प्रवासी श्रमिकों के लिए परिवहन की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आश्वासन दिया कि उन्हें भोजन और आवास प्रदान करने की व्यवस्था की जाएगी। पिछले दो दिनों में पड़ोसी राज्य के सैकड़ों मजदूरों को लॉकडाउन के कारण काम नहीं मिलने के कारण घर जाते देखा गया था। पटेल के ट्विटर हैंडल पर बताया गया, उपमुख्यमंत्री कल रात राजमार्ग पर 700 प्रवासी श्रमिकों से मिले। वे सभी अहमदाबाद से राजस्थान में अपने पैतृक गांव लौट रहे थे।’ट्वीट के अनुसार, उन्होंने राज्य के अधिकारियों और गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा को राजमार्ग पर बुलाया। श्रमिकों के भोजन और परिवहन की व्यवस्था की ताकि उन्हें राजस्थान की सीमा तक पहुँचाया जा सके।’ मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस संबंध में कहा, इस कठिन समय में समूहों में यात्रा करना उचित नहीं है। प्रवासी श्रमिकों को जहां हैं वहीं रहना चाहिए। उन्होंने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार स्वैच्छिक संगठनों की मदद से उनके भोजन की व्यवस्था करेगी। राज्य के कुछ हिस्सों में, पुलिस ऐसे श्रमिकों को भोजन पैकेट वितरित कर रही है।

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश के 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर राज्य के उन श्रमिकों को सहायता पहुंचाने का आग्रह किया है जो कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन के बाद जगह-जगह फंस गए हैं। बनर्जी ने पत्र में लिखा, ‘‘बंगाल के कई कामगार देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे हैं जिनमें अर्द्ध कुशल और अकुशल दोनों श्रेणी के हैं। देश में कोविड-19 महामारी की वजह से पूरी तरह बंद के कारण पश्चिम बंगाल के कई कामगार वापस नहीं आ सके और विभिन्न जगहों पर फंस गये हैं।’’ ममता बनर्जी का यह पत्र महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, दिल्ली, ओडिशा, कर्नाटक और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को मिला है। इसमें बनर्जी ने कहा, ‘‘हमें सूचना मिली है कि बंगाल के मूल निवासी ऐसे कई श्रमिक आपके राज्य में भी फंसे हुए हैं। हमें उनके लिए आपात स्थिति में फोन आ रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य तौर पर वे 50-100 के समूह में हैं और स्थानीय प्रशासन आसानी से उन्हें पहचान सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें कोई मदद नहीं पहुंचा सकते, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया अपने प्रशासन को उन्हें संकट के इस समय में बुनियादी आसरा, भोजन और चिकित्सा सहायता मुहैया कराने को कहें।’’ बनर्जी ने यह भी लिखा, ‘‘हम बंगाल में में फंस गये ऐसे लोगों की देखभाल कर रहे हैं।’’

बिहार

राज्य में विपक्षी दलों की ओर से इस मुद्दे पर सवाल उठाए जाने के बाद गुरुवार को बिहार सरकार की ओर से फैसला लिया गया कि बिहार के निवासी जिस भी शहर में राज्य के बाहर फंसे हैं वहां तक उन्हें मदद पहंचायी जाएगी। नीतीश कुमार ने एक कमिटी बनाकर इसके लिए नोडल अधिकारी को नियुक्त किया है। साथ ही उनतक राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देने का भी एलान किया। राज्य सरकार ने तय किया कि इन लोगों तक उसी तरह पहुंचेगी जैसा आपदा के समय में किया जाता है। नीतीश कुमार ने दिल्ली सहित तमाम ऐसे शहरों में वहां के अधिकारियों तक पहुंचने का निर्देश भी दिया जिस शहर में बिहार के लोग काम करने अधिक जाते हैं।

राजस्थान

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बातचीत कर प्रवासी राजस्थानियों के लिए आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव ने लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों के बीच हो रहे प्रवासियों के आवागमन को पूरी तरह रोकने के निर्देश दिए हैं, ऐसे में, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली आदि राज्यों के बीच गरीब और मजदूर तबके के उन लोगों का आवागमन रूक जाएगा, जो अपने घर जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमण की स्थिति में यह आवागमन उचित भी नहीं है, इसलिए जो व्यक्ति जहां है, वहीं पर संबंधित राज्य सरकार उसके लिए भोजन-पानी तथा चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करे। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से पैदल आ रहे हजारों लोगो को सीमा पर रोककर ही उनकी गहन स्क्रीनिंग की जा रही है और जरूरत पड़ने पर पृथक रहने का निर्देश दिया जा रहा है, ताकि प्रदेश का हर नागरिक महफूज रह सके।

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