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मतदान के बीच शाहीन बाग में प्रदर्शन जारी, लोगों ने कहा- दोनों हमारा लोकतांत्रिक अधिकार

दिल्ली की सभी 70 सीटों पर मतदान जारी है। मतदाता अपने नेताओं के किस्मत का फैसला ईलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन...
मतदान के बीच शाहीन बाग में प्रदर्शन जारी, लोगों ने कहा- दोनों हमारा लोकतांत्रिक अधिकार

दिल्ली की सभी 70 सीटों पर मतदान जारी है। मतदाता अपने नेताओं के किस्मत का फैसला ईलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद कर रहे हैं। लेकिन ओखला विधानसभा में स्थित शाहीन बाग इलाके का नजारा कुछ और है। यहां वोटिंग के साथ-साथ पिछले 50 दिनों से ज्यादा समय से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में प्रदर्शन जारी है। महिलाएं वोटिंग करने के बाद आकर यहां प्रदर्शन कर रही हैं। आउटलुक से बातचीत करते हुए प्रदर्शनकारी महिला शमा परवीन कहती हैं, “वोट डालना और प्रदर्शन करना दोनों मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है। मेरे साथ-साथ यहां बैठी सारी महिलाएं वोट देने के बाद प्रदर्शन कर रही हैं। वोटिंग का समय 6 बजे तक है। सभी महिलाएं बारी-बारी से मतदान कर अपने सुविधा मुताबिक यहां आ रही है और प्रदर्शन कर रही हैं।”

आई लव माई इंडिया

शाहीन बाग स्थित प्रदर्शन स्थल से करीब तीन सौ मीटर की दूरी पर ‘शाहीन पब्लिक स्कूल’ स्थित है। एक व्यक्ति ने नाम न बताते हुए कहा, “धरना-प्रदर्शन और वोटिंग दोनो अलग-अलग प्रक्रिया है। सीएए, एनआरसी और एनपीआर को इससे कोई लेना-देना नहीं है। विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। आपने देखा होगा कि यहां कि महिलाएं वोटिंग करने के साथ-साथ प्रदर्शन भी कर रही है। क्योंकि दोनों हमारा, उनका सबका संवैधानिक अधिकार है।”

ये गलत कानून

एक प्रदर्शनकारी महिला अपनी उंगली पर लगी स्याही का निशान दिखाते हुए कहती हैं, “ये कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि हम मतदान भी कर रहे है और प्रदर्शन भी। आप मेरे उंगली पर स्याही का निशान देख रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि जिस कानून के खिलाफ हम प्रदर्शन कर रहे है वो ‘काला’ कानून है। इससे देश का भला नहीं हो सकता है। इसे सरकार को वापस लेना चाहिए। वोट और प्रदर्शन साथ-साथ होने के सवाल पर वे कहती हैं, “दोनों अलग-अलग चीजें हैं इसे आप आप एक साथ नहीं कर सकते”।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस प्रशासन की तरफ से भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। एक उजला टोपी लगाए मतदाता बताते है, “पुलिस रहे ना रहे, यहां किसी भी तरह से कानून का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। आपने देखा होगा कि प्रदर्शन स्थल पर इधर दो-चार दिनों से सुरक्षा बलों की तैनाती फायरिंग जैसी घटना के बाद की गई है। हमलोग शांति-पूर्ण प्रदर्शन कर रहे है।”

सिख समुदाय चला रहे है लंगर

चुनाव और प्रदर्शन के बीच प्रदर्शन स्थल पर सिख समुदायों द्वारा लंगर की व्यवस्था की गई है। खाना बनाने वाले एक व्यक्ति बताते हैं, “ये लंगर पिछले करीब तीन-चार दिनों से चलाया जा रहा है। हमलोग पंजाब से आए है। जब देश बचाने की बात आती है तो हमे सड़कों पर उतरना पड़ता है। खाना तैयार होने के बाद सभी लोग जो यहां आते हैं वो खाते है। यहीं हमारे देश की खूबसूरती है।”

जब तक वापस नहीं तब तक प्रदर्शन

बहरहाल अब देखना होगा कि 11 फरवरी को ईवीएम से निकले मतदाताओं का फैसला राज्य की सत्ता की चाबी किसके हवाले करता है और इसका शाहीन बाग पर क्या असर होता है। एक प्रदर्शनकारी कहती हैं, “11 फरवरी हो या कोई फरवरी हो, जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाता तब तक हमलोगों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से इसी तरह से चलता रहेगा।”

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