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तीन तलाक: SC के फैसले का मुस्लिम संगठनों ने किया स्वागत, कहा- यह इस्लाम की जीत

तीन तलाक मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पांच में से तीन जजों के असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद लोगों में इस फैसले को लेकर खुशी की लहर दौड़ उठी है।
तीन तलाक: SC के फैसले का मुस्लिम संगठनों ने किया स्वागत, कहा- यह इस्लाम की जीत

सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड ट्रिपल तलाक

तीन तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले और बाद में आज सुबह से ही यह मुद्दा ट्रेंड कर रहा है। हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर यह मामला टॉप ट्रेंड करने लगा। कोर्ट के बाद हर यूजर्स ने इस फैसले पर सोशल मीडिया पर अपने-अपने ढंग से प्रतिक्रिया देनी शुरु कर दी। फेसबुक और ट्विटर पर ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले को यूजर्स ने ऐतिहासिक बताया है।

मामले की सुनवाई से पहले ही इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर सुबह से ही लोग कुछ ना कुछ शेयर कर रहे थे, हर कोई इसे अपने नजरिये से इसे देख रहा है। कुछ लोग इसे मुस्लिम महिलाओं की आजादी का दिन बता रहे हैं, तो कुछ इसे इंसाफ की जीत कह रहे हैं। वहीं, इस बीच ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो अभी तक तीन तलाक के ही पक्ष में हैं।  

कोर्ट के फैसले के बाद शायरा बानो ने कहा...

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन तलाक का दंश झेल चुकी और लंबे समय तक न्याय के लिए लड़ने वाली शायरा बानो ने कहा कि आज का दिन मुस्लिम महिलाओं के लिए बड़ा ऐतिहासिक दिन है, हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। शायरा ने कहा कि मुस्लिम समाज को औरतों की स्थिति को समझना चाहिए और इस फैसले को स्वीकार करना चाहिए। इतना ही नहीं, इसके अलावा शायरा बानो ने सरकार से अपील की कि वो इसके लिए जल्दी से जल्दी कानून बनाए।

बता दें काशीपुर में गुजर-बसर करने वाली याचिकाकर्ता शायरा बानो को उसके शौहर ने कोर्ट के माध्यम से मायके में तलाकनामा भेज दिया. जिसके बाद शायरा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए तीन बार तलाक के नियम में बदलाव की मांग उठाई। शौहर से तलाकनामा मिलने के बाद शायरा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन यहां उसकी याचिका खारिज हो गई। इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत से काम लेते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां उसकी याचिका मंजूर हो गई।

कोर्ट के तीन जजों ने बताया असंवैधानिक

मंगलावर को सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच में से तीन जजों जस्टिस ललित, जस्टिस जोसेफ और जस्टिस नरीमन ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया, जिसके बाद देशभर में तीन तलाक अवैध घोषित हो गया। हालांकि बैंच में मौजूद 2 जजों चीफ जस्टिस खेहर और जस्टिस अब्दुल नजीर का मत अलग था।  

इस्‍लाम और देश की मुस्लिम महिलाओं की जीत

ऑल इण्डिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड और ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक को लेकर कोर्ट की तरफ से दिए गए फैसले को इस्‍लाम और देश की मुस्लिम महिलाओं की जीत करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे तलाक के नाम पर मुसलमान औरतों के साथ होने वाली नाइंसाफी पर रोक लगने की उम्‍मीद है।

शाइस्ता अम्बर ने इसे इस्‍लाम की जीत बताया

ऑल इण्डिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्‍ता अम्बर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मुस्लिम समाज के लिए ऐतिहासिक है। यह देश की मुस्लिम महिलाओं की जीत है, लेकिन उससे भी ज्‍यादा अहम यह है कि यह इस्‍लाम की जीत है। उम्‍मीद है कि आने वाले वक्‍त में तीन तलाक को हमेशा के लिए खत्‍म कर दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि अब तक तीन तलाक की वजह से मुस्लिम औरतों पर जुल्‍म होते रहे हैं, जबकि इस्‍लाम में कहीं भी तीन तलाक की व्‍यवस्‍था नहीं है।

शाइस्ता अम्बर ने कहा कि यह सिर्फ कुछ तथाकथित धर्मगुरुओं की बनाई हुई अन्‍यायपूर्ण व्‍यवस्‍था थी, जिसने लाखों औरतों की जिंदगी बरबाद की है। इस फैसले से मुस्लिम औरतों को एक नई उम्‍मीद मिली है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत से छेड़छाड़ किए बगैर छह महीने के अंदर संसद में कानून बनाए जाने की बात भी कही है। उन्होंने कहा, मुझे विश्‍वास है कि यह कानून बिना किसी दबाव के बनेगा और मुस्लिम महिलाओं को खुशहाली का रास्‍ता देगा।

ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर किसी तरह की टिप्‍पणी से इनकार करते हुए कहा कि बोर्ड मिल बैठकर आगे का कदम तय करेगा। वहीं, ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्‍ता मौलाना यासूब अब्‍बास ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्‍वागत करते हुए कहा कि अब देश में तीन तलाक के नाम पर मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाले अन्‍याय को रोका जा सकेगा।

मौलाना यासूब अब्‍बास ने कहा कि हजरत मुहम्‍मद साहब के जमाने में भी तीन तलाक की व्‍यवस्‍था नहीं थी। हम चाहते हैं कि जिस प्रकार कानून बनाकर सती प्रथा को खत्म किया गया, वैसे ही तीन तलाक के खिलाफ भी सख्‍त कानून बने। उन्होंने कहा, ‘मैं संसद से गुजारिश करता हूं कि वह इंसानियत से जुड़े इस मसले पर नैसर्गिक न्‍याय के तकाजे के अनुरूप कानून बनाए।

तीन तलाक के खिलाफ चलाया गया था सिग्नेचर कैम्पेन

गौरतलब है कि पिछले साल 50 हजार से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक के खिलाफ सिग्नेचर कैम्पेन चलाया। इस मुहिम का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध किया था। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक और क्रूर बताया।

16 अप्रैल को ट्रिपल तलाक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा था कि अगर ट्रिपल तलाक का गलत इस्तेमाल किया गया, तो ऐसा करने वालों का सोशल बायकॉट किया जाएगा। वहीं, बोर्ड  के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वलीम रहमानी ने कहा था, पर्सनल लॉ बोर्ड का मानना है कि तीन तलाक औरत को मुश्किलों से बचाने के लिए है। हम दूसरे मजहब में दखल नहीं करते हैं, तो दूसरा मजहब भी हमारे मामले में दखल ना दे। तलाक का मामला शरीयत के हिसाब से ही रहेगा। जब कोर्ट का फैसला आएगा, तब हम उसे देखेंगे।

   

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