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राष्टपति चुनाव के लिए सोनिया गांधी ने 26 मई को बुलाई विपक्ष की बैठक

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष को लामबंद करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोशिशे तेज कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी रणनीति फाइनल करने के लिए 26 मई को सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग होने वाली इस बैठक में अगर सहमति बनी तो हो सकता है कि उसी दिन विपक्ष अपने साझा उम्मीदवार के नाम की घोषणा भी कर दे।
राष्टपति चुनाव के लिए सोनिया गांधी ने 26 मई को बुलाई विपक्ष की बैठक

माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर होने वाली इस बैठक से विपक्षी दलों के बीच अगले आम चुनाव के पहले विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की भी जमीन तैयार होगी। गौरतलब है कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर विपक्षी दलों की बैठक वैसे समय में होने जा रही है जबकि बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए ज्यादा मजबूत स्थिति में है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी लगातार अन्य दलों के नेताओं से मिल रही हैं।

ममता और लालू हैं सबसे एक्टिव

राष्ट्रपति चुनाव के बहाने विपक्ष की एकजुटता को लेकर राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे ज्यादा सक्रिय है। लालू यादव का कहना है कि वो  26 मई को दिल्ली जाएंगे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ सभी लोगों से मुलाकात करके विपक्षी एकता पर चर्चा करेंगे। उनका कहा कि हम सब मिलकर बीजेपी के खिलाफ बड़ी गोलबंदी करेंगे,क्योंकि देश की सेक्यूलर और सामाजिक न्याय की ताकतें बंटी हुई है। लालू ने कहा कि जहां-जहां हम लोग एक साथ लड़ रहे हैं वहां जीत रहे हैं लेकिन जहां हम अलग हैं वहां हमारी हार हो रही है। इसके साथ ही लालू यादव 27 मई को पटना में होने वाली रैली में भी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। लालू यादव ने बीएसपी चीफ मायावती से भी बात की है और उन्हें 27 मई को पटना रैली में शामिल होने का न्योता दिया है। ममता बनर्जी भी ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात कर चुकी हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस की बड़ी भूमिका को स्वीकार किए जाने का संकेत दे चुके हैं।

विपक्ष शिवसेना से भी कर सकता है संपर्क

माना जा रहा है कि विपक्ष एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना से भी संपर्क साध सकती है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र चुनाव और नोटबंदी के बाद से ही शिव सेना लगातार बीजेपी को निशाने पर ले रही है। एनडीए की सहयोगी होने के बावजूद शिव सेना नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष के मार्च में शामिल हुई थी।

इतना ही नहीं शिवसेना 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने को लेकर भी सवाल उठा चुकी है जबकि एनडीए ने सर्वसम्मति से मोदी के नेतृत्व में अगला आम चुनाव लड़े जाने का प्रस्ताव पास कर लिया है।

नीतीश चहातें है प्रणब मुखर्जी को दोबारा

नीतीश कुमार की तरफ से मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दूसरा कार्यकाल दिए जाने की अपील की थी। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक उनके दूसरे कार्यकाल को लेकर कुछ नहीं कहा है। इसके साथ ही सोनिया गांधी, जेडी(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार, एनसीपी अध्यक्ष शरद यादव से भी मुलाकात कर चुकी हैं। जबकि राहुल गांधी ने इस सिलसिले में सीपीआई के सीताराम येचुरी और एसपी नेता अखिलेश यादव से मुलाकात की थी।

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