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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही घायल लड़की की फोटो बीएचयू की नहीं है, ये है सच्चाई

बीएचयू में छेड़खानी का विरोध कर रही छात्राओं पर शनिवार रात हुए लाठीचार्ज का लोग सोशल मीडिया पर विरोध...
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही घायल लड़की की फोटो बीएचयू की नहीं है, ये है सच्चाई

बीएचयू में छेड़खानी का विरोध कर रही छात्राओं पर शनिवार रात हुए लाठीचार्ज का लोग सोशल मीडिया पर विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर क्या चीज सही है क्या गलत, इसकी जांच किए बिना लोग कभी-कभी अपने पक्ष के हिसाब से चीजें शेयर करने लगते हैं। इसी क्रम में एक फोटो वायरल हो रही है। इस फोटो में एक घायल लड़की की तस्वीर है, जिसे लोग यह बताकर शेयर कर रहे हैं कि यह लड़की लाठीचार्ज में घायल हुई है। लड़की खून से सनी दिख रही है। जबकि यह किसी अन्य घटना की फोटो है।

असल में यह फोटो लखीमपुर खीरी की है। 23 सितंबर लखीमपुर खीरी में एक छात्रा को एकतरफा प्यार के चक्कर में सिरफिरे आशिक ने जानलेवा हमला किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ के पश्चिमी दिक्षिताना में यहां के डिग्री कॉलेज की एमए की छात्रा कल्पना (बदला नाम) पर मोहम्मदी बाईपास पर एक चूड़ी की दुकान पर बैठे अंशू दीक्षित नाम के सिरफिरे ने उसके ऊपर हमला कर दिया, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गई।

जहां से ये फोटो ली गई है।

अब इसी फोटो को बीएचयू की घटना से जोड़कर पेश किया जा रहा है और शेयर किया जा रहा है। यही नहीं इसमें आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, वरिष्‍ठ पत्रकार मृणाल पांडे जैसे नाम प्रमुख है। बाद में संजय सिंह के ट्विटर अकांउट से फोटो हटा ली गई। मृणाल पांडे ने भी ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी।

इसलिए सोशल मीडिया पर कोई भी चीज बिना क्रॉस चेक किए शेयर करने से बचें। शेयर करने में डेटा खर्च ही हो रहा है तो थोड़ा सा डेटा क्रॉस चेक करने भी खर्च हो जाए तो क्या बुरा है। अफवाहें तो नहीं फैलेंगी। आलोचना तथ्यों और तर्कों के साथ होनी चाहिए। बेवजह का सेंसेशन फैलाकर नहीं। 

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