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यूनिटेक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, केंद्र सरकार नहीं करेगी टेकओवर

बिल्डिंग कंपनी यूनिटेक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार अब यूनिटेक का टेकओवर नहीं...
यूनिटेक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, केंद्र सरकार नहीं करेगी टेकओवर

बिल्डिंग कंपनी यूनिटेक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार अब यूनिटेक का टेकओवर नहीं कर पाएगी। इस फैसले से यूनिटेक के करीब 40,000 खरीदारों को झटका लगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें यूनिटेक में केंद्र को 10 निदेशक नियुक्त करने के आदेश दिए थे।

सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यूनिटेक का प्रबंधन अपने हाथों में लेने के लिए सरकार को एनसीएलटी से संपर्क नहीं करना चाहिए था। इससे पहले मंगलवार को कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा था कि आपको एनसीएलटी में जाने से पहले सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी चाहिए थी।

इसके बाद केंद्र सरकार ने एनसीएलटी का रुख करने के लिए कोर्ट से माफी मांगी। यूनिटेक मैनेजमेंट पर धन के हेरफेर का आरोप लगने के बाद कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी का प्रबंधन संभालने के लिए एनसीएलटी का रुख किया था।

<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr">Supreme Court stayed National Company Law Tribunal order which barred Unitech directors from acting as co-directors of the company over alleged mismanagement of funds.</p>&mdash; ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/940817791262908416?ref_src=twsrc%5Etfw">December 13, 2017</a></blockquote>
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उल्लेखनीय है कि सरकार ने करीब 20,000 घर खरीदारों और 51,000 जमाकर्ताओं जिनका कंपनी पर कुल 700 करोड़ रुपये बकाया है, के हितों की रक्षा के लिए कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में लेने के लिए एनसीएलटी के पास याचिका दायर की थी। एनसीएलटी ने सरकार को आदेश दिया था कि वह 20 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई के दिन निदेशकों के नामों की अनुशंसा करे।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के निदेशकों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को जमानत देने के लिए यूनिटेक को दिसंबर के अंत तक 750 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया है, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने इस साल की शुरुआत में निवेशकों द्वारा धन लेने के बावजूद परियोजना का विकास नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

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