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लोकपाल की नियुक्ति में देरी से हेगड़े नाखुश

उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एन संतोष हेगड़े ने लोकपाल की नियुक्ति में देरी को लेकर...
लोकपाल की नियुक्ति में देरी से हेगड़े नाखुश

उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एन संतोष हेगड़े ने लोकपाल की नियुक्ति में देरी को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त ने इस मामले पर चुप्पी साधने को लेकर राजनीतिक दलों की भी निंदा की है।

हेगड़े ने आरोप लगाया, ‘‘सत्ता में मौजूद पार्टी भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल नहीं चाहती है क्योंकि उसे डर है कि यदि लोकपाल कार्यालय से सच बाहर आ गया तो वह संकट में घिर जाएगी।’’

उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘मौजूदा प्रधानमंत्री जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने वहां लोकायुक्त नियुक्त नहीं किया था। अंतत: गुजरात के उच्च न्यायालय ने नियुक्ति का आदेश दिया था। इसी प्रकार का रुख यहां भी (केंद्र में) नजर आ रहा है।’’

हेगड़े ने विपक्ष से पूछा कि वह इस मामले पर चुप्पी क्यों साधे हुए है। उन्होंने कहा, ‘‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’’

उन्होंने कहा कि जब लोकायुक्त या लोकपाल की बात आती है तो कोई पार्टी नियुक्ति नहीं चाहती क्योंकि ‘‘सभी एक ही नौका में सवार हैं।’ हेगड़े ने कहा कि उन्होंने लोकायुक्त/ लोकपाल के कार्यालय की महत्ता देखी है।

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के मार्च में फिर से अपना संघर्ष शुरू करने के बारे में हेगड़े ने कहा कि उन्हें इस प्रस्तावित कदम की जानकारी नहीं है। उन्होंने वर्ष 2011 में अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में हिस्सा लिया था।

(पीटीआई से इनपुट)

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