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4 दिन में 2 हादसों के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने की इस्तीफे की पेशकश, ली नैतिक जिम्मेदारी

पिछले चार दिनों में यूपी में हुए दो रेल हादसों के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की है।
4 दिन में 2 हादसों के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने की इस्तीफे की पेशकश, ली नैतिक जिम्मेदारी

सुरेश प्रभु ने इस बात की जानकारी ट्विटर पर दी है। उन्होंने लिखा कि ट्रेन हादसों और उसमें गई लोगों की जान से उन्हें बहुत दुख पहुंचा है। हादसों की नैतिक जिम्‍मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और पीएम ने उनसे इंतजार करने को कहा है। 

बुधवार को प्रभु ने ट्वीट कर कहा, “तीन साल से भी कम वक्त के दौरान मैंने मंत्री रहते हुए खून पसीने से रेलवे को बेहतर बनाने के लिए काम किया। हाल में हुए दुर्घटनाओं से मैं काफी आहत हूं।”

प्रभु ने कहा, "यात्रियों की जान जाने और उनके घायल होने से मैं दुखी हूं।. इससे मुझे बहुत पीड़ा है। प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया विजन के तहत पीएम को ऐसे रेलवे की आवश्यकता है जो सक्षम हो और आधुनिक हो। मैं वादा कर सकता हूं कि हम उसी राह पर हैं, रेलवे आगे बढ़ रहा है।"

उन्होंने बताया, "पीएम मोदी के नेतृत्व में सभी सेक्टर में दशकों पुराने सिस्टम और सुधारों से पार पाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, मैंने पीएम मोदी से मुलाकात की, उन्होंने इंतजार करने को कहा।" 

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने दिया इस्तीफा

इस बीच रेलवे बोर्ड चेयरमैन अशोक कुमार मित्‍तल ने इस्‍तीफा दे दिया। जिसके बाद रेल मंत्रालय ने इस्तीफे को स्वीकार भी कर लिया। साथ ही मित्तल की जगह अश्विनी लोहानी को रेलवे का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया। इससे पहले खतौली हादसे के बाद रेलवे बोर्ड के मेंबर (इंजीनियरिंग) आदित्य कुमार मित्तल समेत तीन आला अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया था जबकि चार इंजीनियरों को निलंबित किया गया था। 

बता दें कि एके मित्तल भारतीय रेलवे स्टोर सर्विस के 1976 बैच के अधिकारी हैं। एके मित्तल रेलवे बोर्ड के ऐसे पहले चेयरमैन हैं जिन्हें रेलवे में अपनी सेवा देने के लिए उनके कार्यकाल दो साल और बढ़ाया गया था। उनकी नियुक्ती को प्रधानमंत्री कार्यलय ने मंजूरी दी थी। मित्तल अगर जुलाई 2018 तक दिए विस्तार तक अपनी सेवाएं देते तो वो भारतीय रेलवे में लंबे समय तक अपनी सेवाएं देने का रिकॉर्ड बनाते। 

प्रभु पर भारी पड़ा कैफियत एक्सप्रेस हादसा 

मंगलवार रात आजमगढ़ से दिल्ली आ रही कैफियत एक्सप्रेस के डंपर से टकराने के बाद 10 डिब्बे औरेया के पास पटरी से उतर गए थे। इस दुर्घटना में 78 लोगों के घायल होने की खबर है। बताया जा रहा है कि यह ट्रेन दुर्घटना रात करीब 2 बजकर 40 मिनट पर हुई। अछल्दा और पाता रेलवे स्टेशन के बीच एक मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर रेल फाटक पार कर रहे एक डंपर से ट्रेन का इंजन टकरा गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। इससे पहले 19 अगस्त को यूपी के खतौली में उत्कल एक्सप्रेस के टूटी पटरियों से गुजरने के बाद हुई भीषण रेल दुर्घटना में 23 लोगों की मौत हो गई थी। 

कैफियत एक्सप्रेस के हादसे की जानकारी मिलने के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट कर बताया कि वे हालात पर खुद नजर बनाए हुए हैं। लेकिन चार दिनों के अंंदर दो रेल हादसाें को देखते रेलवे की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। खासतौर पर जिस तरह खतौली में स्टेशन मास्टर और ट्रेन के चालक को ही पटरियों की मरम्मत की जानकारी नहीं थी। उससे रेलवे की घोर लापरवाही सामने आई है।

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