कन्हैया ने ट्वीट करके कहा कि जेएनयू के वीसी कह रहे हैं कि भूख हड़ताल गैरकानूनी है। इसका मतलब ये हुआ कि गांधी और भगत सिंह भी गैरकानूनी थे। असल में छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उनके साथी 9 फरवरी को हुई घटना पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जुर्माना लगाए जाने और कुछ छात्रों को सस्पेंड किए जाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। फैसले का विरोध करते हुए आरोपी छात्रों ने कैंपस में ही भूख हड़ताल शुरू कर दी। भूख हड़ताल पर जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार ने लिखित अपील जारी करते हुए कहा था कि वह छात्रों के खराब स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। भूख हड़ताल गैरकानूनी गतिविधि है। यह विरोध जताने का नुकसानदायक तरीका है। उन्होंने छात्रों से भूख हड़ताल खत्म करने की मांग की थी।
कन्हैया के भी क्या कहने, खुद को भगत सिंह और गांधी मान बैठे
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने एक बार फिर जेएनयू प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई है। कन्हैया ने विश्वविद्यालय के वीसी के उस बयान का विरोध किया है जिसमें उन्होंने कैंपस में जारी भूख हड़ताल को गैरकानूनी कहा था।

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