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केरल हाई कोर्ट ने 'एस दुर्गा' का रास्ता साफ किया

केरल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को गोवा फिल्म फेस्टिवल में मलयालम फिल्म “एस दुर्गा” की स्क्रीनिंग पर...
केरल हाई कोर्ट ने 'एस दुर्गा' का रास्ता साफ किया

केरल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को गोवा फिल्म फेस्टिवल में मलयालम फिल्म “एस दुर्गा” की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। दो दिन पहले आए हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ यह याचिका दायर की गई थी।  

बता दें कि दो दिन पहले ही केरल हाई कोर्ट ने फिल्म “एस दुर्गा” की गोवा में चल रहे फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग को मंजूरी दे दी थी। इससे पहले केंद्र सरकार ने इस फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ फिर से एक याचिका दायर की गई थी, जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

13 सदस्यीय ज्यूरी की सिफारिशों को नामंजूर करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने गोवा फिल्म महोत्सव के 48वें संस्करण से “एस दुर्गा” और मराठी फिल्म “न्यूड” को हटा दिया था। 20 नवंबर से शुरू हुआ यह महोत्सव 28 नवंबर तक चलेगा।

केंद्र सरकार द्वारा “एस दुर्गा” फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने के खिलाफ फिल्म के निर्देशक सनल कुमार शशिधरन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जस्टिस बी विनोद चंद्रन ने सूचना प्रसारण मंत्रालय को फिल्म की स्क्रीनिंग सुनिश्चित कराने को कहा है।

“एस दुर्गा” के निर्देशक सनल कुमार शशिधरन ने अपनी याचिका में कहा था कि मंत्रालय ने निर्णायक मंडल के फैसले को मनमाने तरीके से खारिज किया। बिना कोई कारण बताए उनकी फिल्म को भारतीय पैनोरमा खंड से हटा दिया।

याचिका में कहा गया कि कुछ उपद्रवी तत्वों ने फिल्म के मूल शीर्षक ‘सेक्सी दुर्गा’ को देवी दुर्गा की तरफ संकेत के तौर पर लेते हुए फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन किया था। बाद में फिल्म का शीर्षक बदलकर ‘एस दुर्गा’ कर दिया गया। शशिधरन ने कहा कि फिल्म के संदर्भ एवं पृष्ठभूमि को समझे बिना कट्टरपंथी तत्वों ने परोक्ष मकसद के साथ फिल्म का विरोध किया। फिल्म में देवी दुर्गा या किसी भी दूसरी धार्मिक छवियों के खिलाफ कुछ भी नहीं है। इसमें कोई अश्लीलता नहीं है और फिल्म का विरोध करने वालों ने इसे देखने या समझने की कोई कोशिश नहीं की। इस ‌फिल्म को रोटरडैम 2017 अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव में हिवोस टाइगर अवॉर्ड दिया गया था।

  

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