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ईवीएम चैलेंज में सीपीएम-एनसीपी ने नहीं लिया हिस्सा

चुनाव आयोग के ईवीएम चैलेंज में सीपीएम और एनसीपी की टीम हिस्सा लेने पहुंचीं, लेकिन उन्होंने हैकिंग की कोशिश करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वो सिर्फ प्रॉसेजर समझने आए थे। चीफ इलेक्शन कमिश्नर नसीम जैदी ने भी पुष्टि की है कि दोनों पार्टियों की टीम ने चैलेंज लेने से मना कर दिया।
ईवीएम चैलेंज में सीपीएम-एनसीपी ने नहीं लिया हिस्सा

 

मालूम हो कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में ईवीएम टैम्परिंग और हैक किए जाने के आरोप लगने के बाद ईसी ने यह चैलेंज रखा था। ईवीएम चैलेंज सुबह 10 बजे शुरू हुआ। जानकारी के मुताबिक ईसी ने 14 ईवीएम को चैलेंज के लिए रखा था चैलेंज के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले सीपीएम और एनसीपी की टीम चुनाव आयोग के दफ्तर  पहुंची। उन्हें कोई भी चार-चार मशीन चुनने के लिए कहा गया। करीब दो घंटे के बाद दोनों टीमों के सदस्यों ने कहा कि वो सिर्फ प्रॉसेस समझने आए थे।

हाल ही में इस मामले में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सभी राजनीतिक दलों, व्यक्तियों, मीडिया और यहां तक कि सोशल मीडिया नेटवर्क को होने वाले विधानसभा चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल की आलोचना करने पर रोक लगा दी है। वहीं, नैनीताल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग के ईवीएम चैलेंज के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट का कहना है कि चुनाव आयोग को पूरा अधिकार है कि वह अपना संदेह दूर करे। हाई कोर्ट के इस फैसले को आयोग की जीत के तौर पर देखा जा रहा है।

चुनाव आयोग पहले ही साफ कर चुका है कि ये ईवीएम चैलेंज होगा, लेकिन इसे हैकॉथन नहीं कहा जा सकता। इससे पहले ‘आप’ ने ईवीएम का मदरबोर्ड चेंज करने की इजाजत मांगी थी, लेकिन आयोग ने इसे खारिज कर दिया था। कहा कि अगर मदरबोर्ड ही चेंज कर दिया तो वो असली ईवीएम कैसे रहेगा।

चैलेंज का हिस्सा नही थी आप

ईवीएम पर सबसे ज्यादा सवाल उठाने वाली आम आदमी पार्टी (आप) इस चैलेंज में हिस्सा नहीं लेगी। वह शनिवार को उसी समय चुनाव आयोग की तर्ज पर अपना समानांतर चैलेंज आयोजित करेगी।

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