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एमजे अकबर मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का आरोप तय

दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दायर एक मुकदमे में पत्रकार प्रिया...
एमजे अकबर मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का आरोप तय

दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दायर एक मुकदमे में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ बुधवार को मानहानि का आरोप तय किया। पत्रकार रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिसके बाद उन्होंने पत्रकार के खिलाफ मामला दायर किया था। हालांकि, अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के सामने पेश हुई रमानी ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वह सुनवाई का सामना करेंगी।

अब बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने चार मई को मामले की अगली सुनवाई निर्धारित की है और रमानी को व्यक्तिगत उपस्थित से स्थायी छूट भी मंजूर की है।

अकबर की याचिका और सबूतों पर विचार के बाद रमानी के खिलाफ आरोप तय

पटियाला हाउस कोर्ट स्थित एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने अकबर की ओर से दाखिल याचिका और पेश किए गए सबूतों पर विचार करने के बाद रमानी के खिलाफ आरोप तय किए है। पिछले साल 17 अक्टूबर को केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले अकबर ने भारत में ‘मीटू' अभियान के दौरान सोशल मीडिया पर अपना नाम छाने के बाद रमानी के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। पत्रकार रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिसका उन्होंने खंडन किया था।

विदेश राज्यमंत्री के पद से 17 अक्टूबर, 2018 को दिया इस्तीफा

पत्रकार रमानी का आरोप है कि 20 साल पहले जब अकबर पत्रकार थे तब उन्होंने रमानी का यौन शोषण किया था। हालांकि पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने आरोपों से इनकार किया है। अकबर पर अन्य कई महिलाओं ने भी आरोप लगाए हैं। भारत में पिछले साल ‘मी टू' अभियान ने जब जोर पकड़ा तब अकबर का नाम सोशल मीडिया में आया। उन दिनों वह नाइजीरिया में थे। फिर उन्होंने 17 अक्तूबर को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था।

रमानी के झूठे आरोपों से मान-सम्मान को पहुंची ठेस

अदालत में भाजपा सांसद ने कहा कि रमानी के झूठे आरोपों से उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंची और उनकी छवि धूमिल हुई। अकबर ने अदालत में अपनी शिकायत के समर्थन में बयान दर्ज कराते हुए कहा कि महिला पत्रकार द्वारा उन पर लगाए गए झूठे आरोपों से उनकी प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंची, जो उन्होंने पिछले 40 साल में अर्जित की थी।

रमानी पर मानहानि का मुकदमा चलाने की मांग की थी

अदालत को बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया में छपे लेखों में रमानी के ट्वीट का इस्तेमाल किया गया है। अकबर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत को बताया कि रमानी द्वारा किए गए ट्वीट मानहानि को साबित करते हैं। अधिवक्ता ने अपने मुवक्किल पर झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने के लिए पत्रकार रमानी पर मानहानि का मुकदमा चलाने की मांग की थी।

बता दें कि पत्रकार एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वालों में अमेरिका की रहने वाली पत्रकार भी शामिल हैं, जिन्होंने कहा था कि 23 साल पहले जयपुर के होटल में एमजे अकबर ने उनका यौन शोषण किया था। जब केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि उनका संबंध एक सहमति का मामला रहा तो जवाब में पत्रकार ने कहा था कि संबंध जबरदस्ती और सत्ता के दुरुपयोग पर आधारित रहा। उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

 

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