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जानलेवा गड्ढों की वजह से मध्य प्रदेश में होते हैं सबसे ज्यादा हादसे, आखिर ये सड़कें कब होगीं समतल?

सड़कें हम सबको जोड़ती हैं। सड़कें हमें हमारी मंजिलों तक बड़ी आसानी से पहुंचाती हैं। लेकिन सड़कों पर उभर आए ये गड्ढे आज परेशानी की वजह बन गए हैं। ये गड्ढे ना सिर्फ हमें हमारे मकाम तक पहुंचने में बाधक बन रहे हैं बल्कि जिंदगी को निगलने वाली गहरी मौत की खाई भी साबित हो रहे हैं।
जानलेवा गड्ढों की वजह से मध्य प्रदेश में होते हैं सबसे ज्यादा हादसे, आखिर ये सड़कें कब होगीं समतल?

2013 से 2015 के बीच पूरे देश भर में लगभग 31,681 दुर्घटनाएं सिर्फ गड्ढों की वजह हुईं। वहीं 2015 में पूरे देश भर में 10,876 सड़क हादसे सिर्फ गड्ढों की वजह से हुए। 2013 से 2015 के दौरान हर रोज लगभग 29 दुर्घटनाएं। यानि हर 50 मिनट में एक मौत सिर्फ गड्ढों की वजह से होती हैं। 27 मार्च, 2017 को राज्यसभा को सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री द्वारा दिए जवाब में यह जानकारी सामने आई है। जबकि 2016 के लिए डेटा संकलित किया जाना अभी बाकी है।

मध्य प्रदेश आगे

गड्ढों की वजह से सबसे ज्यादा हादसे भाजपा शासित मध्य प्रदेश में देखने को मिले। रिपोर्ट के अनुसार 2015 में मध्य प्रदेश में गड्ढों की वजह से 3,070 हादसे हुए। वहीं महाराष्ट्र में 1,867, उत्तर प्रदेश 1,196, तमिलनाडु 1,112, और गुजरात में 584 मामले सामने आए।

गड्ढों को लेकर एफएम और बीएमसी में टकराव

सड़कों पर उभर आए यह जानलेवा गड्ढे कभी बड़ा सियासी मसला नहीं बन सका। लेकिन इन दिनों मुबंई में गड्ढों को लेकर एफएम और बीएमसी के सीधी जंग छिड़ी हुई है। रेडियो जॉकी मलिष्का और रेडियो चैनल रेड एफएम 93.5 द्वारा महानगर नगर निगम ग्रेटर मुंबई के सड़कों की खराब स्थिति के बारे में व्यंग्यपूर्ण वीडियो जारी किया गया।

मलिष्का का यह वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया। इस वीडियो को लेकर एमसीजीएम की सत्ता में बैठी शिवसेना के युवा विंग ने नगर निगम के निकाय को मानहानि के लिए रेडियो जॉकी और एफएम रेडियो स्टेशन पर मुकदमा करने को कहा।

लेकिन विवाद यहीं नहीं थमा रेड एफएम ने आलोचकों को चुनौती देते हुए एक और वीडियो जारी कर दिया। फिलहाल यह जंग जारी है। अब देखते हैं ये मौत के गड्ढे कब तक समतल होंगे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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