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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक पर सरकार के बिल को बताया महिला विरोधी

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र सरकार के तीन तलाक बिल का विरोध किया है। बोर्ड ने केंद्र...
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक पर सरकार के बिल को बताया महिला विरोधी

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र सरकार के तीन तलाक बिल का विरोध किया है। बोर्ड ने केंद्र सरकार से बिल को संसद में नहीं पेश करने की मांग की है। मुस्लिम लॉ बोर्ड की आज लखनऊ में बैठक हुई।

बैठक में प्रस्तावित बिल को लेकर चर्चा की गई। बोर्ड ने बिल को मुस्लिम महिलाओं की परेशानियां बढ़ाने वाला बताया। लॉ बोर्ड ने कहा कि सरकार का बिल औरतों के खिलाफ है। लॉ बोर्ड ने कानून के मसौदे को वापस लेने की मांग की।

बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना ख़लील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी ने कहा कि बैठक में केंद्र सरकार के प्रस्तावित विधेयक के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। बोर्ड का मानना है कि तीन तलाक़ संबंधी विधेयक का मसौदा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों, शरियत तथा संविधान के खिलाफ है।

इसके अलावा यह मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखलअंदाजी की भी कोशिश है। अगर यह विधेयक क़ानून बन गया तो इससे महिलाओं को बहुत सी परेशानियों और उलझनों का सामना करना पड़ेगा।

मौलाना नोमानी ने कहा कि केंद्र का प्रस्तावित विधेयक संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ है। साथ ही यह तीन तलाक़ के खिलाफ गत 22 अगस्त को उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले की मंशा के भी विरुद्ध है। केंद्र सरकार उससे काफी आगे बढ़ गई है।

नोमानी ने कहा कि यह महसूस किया गया है कि तीन तलाक़ रोकने के नाम पर बने मसौदे में ऐसे प्रावधान रखे गए हैं जिन्हें देखकर यह साफ लगता है कि सरकार शौहरों/पति से तलाक के अधिकार को छीनना चाहती है। यह एक बड़ी साजिश है। उन्होंने कहा कि विधेयक के मसौदे में यह भी कहा गया है कि तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत के अलावा तलाक की अन्य शक्लों पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

(पीटीआई से इनपुट)

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