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किराया बढ़ोतरी के खिलाफ 'आप' करेगी ‘मेट्रो किराया सत्याग्रह’

दिल्ली में ‘आम आदमी पार्टी’ ने मेट्रो के किराया बढ़ोतरी का ठीकरा भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार...
किराया बढ़ोतरी के खिलाफ 'आप' करेगी ‘मेट्रो किराया सत्याग्रह’

दिल्ली में ‘आम आदमी पार्टी’ ने मेट्रो के किराया बढ़ोतरी का ठीकरा भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर फोड़ते हुए इसके खिलाफ ‘मेट्रो किराया सत्याग्रह’ करने का फैसला किया है। किराया वृद्धि के खिलाफ ‘आप’ बुधवार से ‘मेट्रो किराया सत्याग्रह’ शुरू करेगी। बढ़े किराए के विरोध में पार्टी आज दिल्ली में प्रदर्शन करेगी और ‘मेट्रो किराया सत्याग्रह’ का आंदोलन चलाएगी।

इस आंदोलन के तहत आज शाम चार बजे सभी मेट्रो स्टेशनों पर प्रदर्शन किया जाएगा। इससे पहले मेट्रो के किराए को लेकर दिल्ली विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद दिल्ली सरकार ने विधानसभा के विशेष सत्र को एक और दिन के लिए बढ़ा दिया है।

आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने कहा कि 13 अक्टूबर को निर्माण भवन स्थित शहरी विकास मंत्रालय का भी घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास आंदोलन के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है। दिल्ली सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री राय ने कहा कि हमने काफी कोशिश की कि मेट्रो का किराया न बढ़े, लेकिन शहरी विकास मंत्री ने किराया बढ़ाने का निर्णय लिया। ये निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है।

साथ ही, राय ने कहा कि ये बातें कही जा रही हैं कि मेट्रो घाटे में है। सवाल यह है कि आठ साल में किराया क्यों नहीं बढ़ाया गया। अचानक छह महीने में किराया क्यों बढ़ाया गया। अब तथ्य सामने आ रहे हैं कि मेट्रो का किराया बढ़ाने से यह मुनाफे में नहीं आने वाली, क्योंकि राइडरशिप घटेगी।

गोपाल राय ने यह भी कहा कि मंगलवार को मेट्रो बोर्ड की मीटिंग बुलाई गई। अगर फेयर फिक्सेशन कमेटी को ही सब कुछ फैसला लेना था तो बोर्ड की मीटिंग क्यों बुलाई गई। जब दिल्ली के परिवहन मंत्री ने भरपाई के लिए आधा पैसा देने की बात की तो केंद्र सरकार पीछे क्यों भागी? उन्होंने कहा कि सरकार किराया बढ़ाकर ओला और उबर जैसी कंपनियों को फायदा पहुंचाना चाहती है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार के लगातार विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने मेट्रो किराए में साल भर के भीतर लगातार दूसरी बढ़ोतरी कर दी। इससे न सिर्फ दिल्ली वालों की परेशानी बढ़ी है बल्कि मेट्रो के यात्रियों की संख्या में कमी आने के खतरे को देखते हुए परिचालन घाटा बढ़ना भी तय है।

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