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कैसे हुआ 11 हजार करोड़ का PNB फर्जीवाड़ा, बिंदुओं में जानिए

बुधवार को एक बड़े बैंकिंग फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पंजाब नेशनल बैंक ने आरोप लगाया कि उसके यहां 11,400...
कैसे हुआ 11 हजार करोड़ का PNB फर्जीवाड़ा, बिंदुओं में जानिए

बुधवार को एक बड़े बैंकिंग फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पंजाब नेशनल बैंक ने आरोप लगाया कि उसके यहां 11,400 करोड़ का फर्जी ट्रांजैक्शन हुआ है। इसमें मशहूर ज्वैलरी डिजाइनर और हीरा कारोबारी नीरव मोदी का नाम आया है।

अभी और भी खुलासे होने बाकी हैं। इस मामले में गुरुवार को ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है।

अरबपति ज्वैलरी डिजाइनर नीरव मोदी के खिलाफ एफआईआर भी दायर हो गई है। जिसके बाद ईडी ने 9 जगहों पर छापेमारी की है। ईडी ने सूरत में तीन जगह, मुबंई में चार जगह और दिल्ली में दो जगह छापेमारी की है।

नीरव मोदी ने कथित तौर पर  पीएनबी की मुंबई शाखा से धोखाधड़ी वाला गारंटी पत्र (एलओयू) हासिल कर अन्य भारतीय ऋणदाताओं से विदेशी ऋण हासिल किया था। पीएनबी ने इस मामले में दस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा मामले को जांच के लिए सीबीआइ के पास भेज दिया है।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

- रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीरव मोदी और उसके साथियों ने अपनी तीन कंपनियों डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट, स्टैलर डायमंड के जरिए ये ट्रांजैक्शन किए। सामान मंगाने के लिए उन्होंने पीएनबी से एलओयू यानी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करने की मांग की।

- उन्होंने लेटर ऑफ अंडरटेकिंग हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक के नाम पर जारी करने की गुजारिश की।

- लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का मतलब है कि जो सामान खरीदा जा रहा है उसके पैसे देने की गारंटी बैंक देता है।

- पीएनबी ने हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक को 5 और एक्सिस बैंक को 3 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी किए।

- हांगकांग से करीब 280 करोड़ रुपये का सामान इंपोर्ट किया गया।

- 18 जनवरी को इन तीनों कंपनियों के लोग इम्पोर्ट दस्तावेजों के साथ पीएनबी की मुंबई ब्रांच पहुंचे और पैसों का भुगतान करने को कहा।

- बैंक अधिकारी ने कहा कि जितना पैसा विदेश में भेजना है उतना ही जमा करना पड़ेगा।

- कंपनियों के अधिकारियों ने फिर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दिखाया और उसके आधार पर पेमेंट करने को कहा।

- बैंक ने जब जांच शुरू की तो उनके होश उड़ गए क्योंकि पीएनबी के रिकॉर्ड में कहीं भी जारी किए गए आठ लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का जिक्र नहीं था, मतलब बैंक में बिना पैसा गिरवी रखे लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करवाए।

- बैंक की तरफ से केस दर्ज किया गया। मामला सीबीआइ में पहुंचा। जांच हुई तो पता चला कि सभी 8 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग फर्जी तरीके से जारी किए गए।

- पीएनबी के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने एक दूसरे कर्मचारी के साथ मिलकर लेटर जारी किए और इन्हें सिस्टम में कहीं नहीं दिखाया।

- हांगकांग में जिससे सामान इंपोर्ट किए गए हैं उनकी बैंक गारंटी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के आधार पर हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने ली थी।

- अब ये मामला 11,400 करोड़ तक पहुंच गया है।

कौन हैं नीरव मोदी?

ज्वैलरी की दुनिया खासकर हीरा कारोबार में मशहूर नाम नीरव मोदी मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं। उनके पिता हीरे के व्यापार से जुड़े थे और इसे ही नीरव मोदी ने आगे बढ़ाया।

अपने ही नाम से उनका खुद का ज्वैलरी ब्रांड भी है। नीरव को शोहरत तब मिली, जब क्रिस्टी ज्वैलरी ऑक्शन (2010) में नीरव मोदी की कंपनी फायर स्टार डायमंड का गोलकुंडा नेकलेस 16.29 करोड़ रुपये में बिका और नीरव के ब्रांड को ग्लोबल पहचान मिली। उनके एक और हीरे के हार ने तहलका मचाया जब उसकी कीमत 50 करोड़ रुपये लगाई गई।नीरव मोदी ने अपने ही नाम से 25 बड़े लग्जरी स्टोर दिल्ली से हांगकांग और मुंबई से लेकर न्यूयॉर्क तक खोले हैं। 2016 की फोर्ब्स की सूची के मुताबिक, 11, 237 करोड़ की संपत्ति के मालिक नीरव देश के सबसे रईस लोगों की गिनती में 46वें पायदान पर खड़े हैं।

नीरव पढ़ाई के लिए व्हॉटर्न स्कूल (यूएस) गए थे। 1990 में उनके मामा ने 19 साल की उम्र में मुंबई बुलाया। यहां नीरव ने हीरे के व्यापार की समझ विकसित की। नीरव ने पढ़ाई छोड़ दी औऱ गीतांजलि ग्रुप में ज्वेलरी बनाने और मार्केटिंग के नुस्खे सीखे।

बाद में नीरव ने फायर स्टार डायमंड नाम की कंपनी बनाई। इसके बाद दुनिया भर की खदानों से उन्होंने हीरे जुटाने शुरू किए और रेयर डायमंड के बड़े कारोबारी बन गए।

नीरव की कंपनी

नीरव की कंपनी का नाम यूं तो फायरस्टार डायमंड है लेकिन उनके तैयार किए गए डिजाइंस नीरव मोदी के नाम से ही बिकते हैं। नीरव खुद भी ज्वेलरी डिजाइन करते हैं। मुंबई में रह रहे मोदी दुनिया के बड़े डायमंड मार्केट में अपनी ज्वेलरी की प्रदर्शनी लगाते हैं। नीरव मोदी ब्रांड ज्वेलरी की रेंज 10 लाख से 50 करोड़ तक है। दुनिया के कई रईस और सेलिब्रिटी नीरव के ग्राहक हैं। भारत के टॉप 10 अमीरों में से 6 उनके नियमित ग्राहक हैं।

शेयर मार्केट में पीएनबी पर असर

फर्जीवाड़ा कर बैंक को चपत लगाई गई यह रकम शेयर बाजार में बैंक के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन का लगभग एक तिहाई है। इसके चलते बुधवार को जहां शेयर बाजार पर बैंक के शेयरों को 10 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा वहीं एक अनुमान के मुताबिक बैंक के आम खाताधारक को भी बैंक में जमा उसके 100 रुपये में 30 रुपये का नुकसान झेलना पड़ेगा।

गुरुवार को बाजार खुलने पर पीएनबी के शेयर साढ़े तीन महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुताबिक, पंजाब नेशनल बैंक का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 36,566 करोड़ रुपये है और उसने लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये का बाजार में कर्ज दे रखा है। बैंक में फर्जीवाड़े की खबर के बाद बैंक के शेयर मूल्य में आई गिरावट से निवेशकों को एक दिन में लगभग 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।

पहले भी पीएनबी ने दर्ज कराई थी शिकायत

पंजाब नेशनल बैंक ने 5 फरवरी को लगभग 280 करोड़ रुपये के फर्जी ट्रांजैक्शन का मामला सीबीआइ के सुपुर्द किया था। इस मामले की जांच सीबीआइ कर ही रही थी कि बैंक के मुंबई स्थित महज एक ब्रांच से आई फर्जीवाड़े की सूचना ने बैंक को 11,400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त नुकसान में ला दिया। हालांकि बैंक को अभी यह साफ करना बाकी है कि 5 फरवरी को सीबीआइ को सूचित किया गया 280 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा इस नए फर्जीवाड़े से अलग है या दोनों मामले जुड़े हुए हैं।

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