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साइबर अपराधों के मामलों में पुलिस के हाथ खाली

साइबर विशेषज्ञ गौरव कौशिक ने बताया, साइबर सिक्योरिटी का सवाल आज अहम हो गया है क्योंकि रोज ही साइट्स हैक करने के मामले सामने आ रहे हैं। साइबर के रोज ही नए-नए वर्जन आ रहे हैं जिनके लिए एंटी वायरस भी अपडेट होने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि अपनी बेबसाइट पर पैन नंबर या पासवर्ड नहीं डाले ताकि आसानी से हैक न किया जा सके।
साइबर अपराधों के मामलों में पुलिस के हाथ खाली

देश में बढ़ रहे साइबर अपराधों के मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं और साइबर अपराधों पर रोक लगाना टेढ़ी खीर है। हाल के साइबर हमले को लेकर भी देश के पास अभी ऐसा कोई डाटा उपलब्ध नहीं है जिससे यह पता लगाया जा सके कि इस हमले का देश पर असर हुआ या नहीं। अगर हुआ तो कितना असर हुआ है।

साइबर हमले को लेकर देश के हालात पर यह राय साइबर विशेषज्ञों ने जाहिर की है। साइबर विशेषज्ञ नीरज अरोड़ा ने आउटलुक को बताया कि हाल में हुए साइबर हमले में भारत को जद में बताया जा रहा है लेकिन पुख्ता प्रमाण किसी के पास नहीं है। इस हमले ने भविष्य के लिए चेतावनी जरूर दे दी है।

इसकी रोकथाम के लिए अब बड़े पैमाने पर इंतजाम की जरूरत है तथा सभी को बैक अप डाटा रखने पर जोर देना चाहिए। दिल्ली पुलिस ने साइबर सेल की अलग शाखा जरूर बनाई है लेकिन उसके पास इन्हें रोकने के औजार ही नहीं है और न ही कुछ जानकारी है।

केवल सेल बनाने भर से अपराध नहीं रोके जा सकते। आज जिस तरह सारा कामकाज डिजीटल की तरफ बढ़ रहा है तो साइबर अपराध की रोकथाम के ल‌िए पुलिस को मजबूत किया जाना चाहिए तभी वह किसी मामले की जांच कर सकेंगे।

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