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आउटलुक विशेष- ब्रिक्स में आतंकवाद पर राजनयिक बढ़त लेने की तैयारी में भारत

दक्षिण गोवा के बेनौलिम गांव में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। भारतीय तट रक्षक दल को अरब सागर में हवाई और समुद्र में निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मरीन पुलिस के कर्मियों को राज्य की नदियों में तैनात किया गया है। नौसेना के मार्कोस कमांडो को अलर्ट पर रखा गया है। उड़ी में हुए आतंकी हमला और उसके बाद एलओसी के पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के छाए में हो रहे इस सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा हावी रहने की संभावना है। भारत की तरफ से यह मुद्दा जोर-शोर से उठाए जाने की तैयारी है और इस मुद्दे पर चीन को साथ लेने की पूरी राजनयिक तैयारी है। इस सम्मेलन में भी पाकिस्तान को अलग-थलग करने की अपनी राजनयिक मुहिम जारी रखेगा भारत।
आउटलुक विशेष- ब्रिक्स में आतंकवाद पर राजनयिक बढ़त लेने की तैयारी में भारत

शनिवार 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में मेजबान भारत के अलावा, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हो रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इन देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ अहम बैठकें होनी है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग के साथ होने वाली बैठकों को बेहद अहम माना जा रहा है।
भारत की अमेरिका से बढ़ती नजदीकी और पाकिस्तान की रूस से बढ़ती नजदीकी के मद्देनजर मोदी और पुतिन की बैठक में भारत और रूस के संबंधों को नई गतिशीलता देने का एजेंडा भारतीय राजनयिकों ने तैयार किया है। सेना के लिए रूस से आयुध, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, मिसाइल प्रणाली और युद्धपोत खरीद के अहम करार पर दस्तखत किए जाने की संभावना है।
दूसरी ओर, चीन के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बातचीत में न्युक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की सदस्यता का समर्थन के साथ ही पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित कराने और आतंकी मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित कराने के लिए समर्थन लेने का एजेंडा निर्धारित किया गया है।
सम्मेलन में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को लेकर प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश भारत करेगा। आतंकवाद और आतंकवाद को समर्थन देने वाले के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग करेगा। भारत पहले भी संयुक्त राष्ट्र महासभा, जी 20 जैसे विश्व मंचों से पाकिस्तान प्रायोजित आंतकवाद का मुद्दा उठा चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी 20 में पाकिस्तान का बिना नाम लिया कहा था, ' दक्षिण एशिया का एक देश इस क्षेत्र आंतकवाद फैला रहा है।' संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा,' जिंदा पकड़े गए एक आतंकी ने स्वीकार किया है कि आतंकवाद को फैलाने में पाकिस्तान का हाथ है। सीमा पार आतंक का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है।'
इस सम्मेलन के दौरान ही ब्रिक्स- बिम्सटेक की भी बैठक होगी। इस बैठक में भूटान के प्रधानमंत्री, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, थाइलैंड और म्यांमार के नेता भी शामिल होंगे। पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन के रद्द होने के बाद भारत में हो रही इन बैठकों का महत्व बढ़ गया है। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि ब्रिक्स बैठक के बाद आतंकवाद पर एक मजबूत प्रस्ताव लाने का प्रयास होगा। भारत इस प्रस्ताव में आतंकवाद को संरक्षण देने वाले देश से निपटने के तौर-तरीके को भी इस प्रस्ताव में शामिल कराने की कोशिश करेगा।
सम्मेलन से ऐन पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पाक पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधा और विश्व समुदाय के एकजुट होने की बात कही। राजनाथ ने कहा, 'चुनौतियां बहुत सारी हैं जैसा कि आतंकवाद। अब कोई देश इसे अपनी पॉलिसी ही बना दे तो ये कितने बड़े दुर्भाग्य की बात है। यदि हमारे मतभेद हैं तो हम मिल बैठकर हल निकाल सकते हैं। आतंकवाद आज भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों को भुगतना पड़ रहा है। कुछ लोग इसे धर्म के साथ जोड़ते हैं।'
सूत्रों के अनुसार, प्रतिनिधियों की बातचीत में यूएन और आईएमएफ में सुधारों, विश्व व्यापार संगठन और टिकाऊ विकास के लक्ष्यों पर भी बात हुई।
समुद्र से लेकर सड़क तक पहरा
ब्रिक्स सम्मेलन से पहले गोवा के तटों को किलों में तब्दील कर दिया गया है। कार्यक्रम स्थल की ओर जाने वाले सभी प्रमुख राजमार्गों और गलियों में पुलिस बल की भारी मौजूगी है। इस सम्मेलन में विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों को शिरकत करनी है।

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