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दया याचिका खारिज होने के बाद SC पहुंचा निर्भया का दोषी मुकेश, राष्ट्रपति के फैसले को दी चुनौती

राजधानी दिल्ली में साल 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में सभी चार दोषियों को एक फरवरी को...
दया याचिका खारिज होने के बाद SC पहुंचा निर्भया का दोषी मुकेश, राष्ट्रपति के फैसले को दी चुनौती

राजधानी दिल्ली में साल 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में सभी चार दोषियों को एक फरवरी को सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जानी है। इससे पहले दोषी फांसी से बचने के लिए तरह-तरह की तरकीबें अपना रहे हैं। राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज होने के बाद निर्भया का एक दोषी मुकेश फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है, जहां उसने राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती दी है।

मुकेश ने अपनी याचिका में कहा है कि जिस तेजी से दया याचिका पर फैसला लिया गया। उससे लगता है कि राष्ट्रपति ने याचिका में लिखी बातों पर ठीक से विचार किए बिना उसे खारिज किया है। बता दें कि राष्ट्रपति ने इस महीने की शुरुआत में मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी।

निर्भया केस के इस मामले पर भी आज हुई सुनवाई

आज ही दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया मामले के दोषियों के वकील की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि आगे किसी दिशा-निर्देश की आवश्यकता नहीं है। वकील ने याचिका में आरोप लगाया था कि जेल के अधिकारी वे दस्तवेज मुहैया नहीं करा रहे हैं जो दया तथा सुधारात्मक याचिकाएं दायर करने के लिए जरूरी हैं।

दोषी केवल विलंब करने की तरकीब अपना रहे हैं

दिल्ली पुलिस की ओर पेश हुए लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा पाए दोषियों के वकील द्वारा मांगे गए सभी संबंधित दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं। उन्होंने दावा किया कि दोषी केवल ‘‘विलंब करने की तरकीब’’ अपना रहे हैं।

अदालत के सामने पेश की गई दरिंदानाम की डायरी

लोक अभियोजक ने कहा, ‘पूरी प्रक्रिया कानून को परास्त करने की है। हमने पहले ही सारे दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं। वे जहां भी गए, हमने उन सभी जेलों से सभी दस्तावेज प्राप्त कर लिए थे।’ इसके बाद उन्होंने दोषी विनय कुमार शर्मा की ‘दरिंदा’ नाम की डायरी अदालत के सामने पेश की। इसके अलावा उसकी कई पेंटिंग और अन्य दस्तावेज भी पेश किए।

विनय को धीमा जहर दिया गया

दोषियों के वकील ए. पी. सिंह ने आरोप लगाया कि विनय को धीमा जहर दिया गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी चिकित्सकीय जांच के कागज उन्हें नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि शुक्रवार रात जेल अधिकारियों से कुछ दस्तावेज उन्हें मिले, लेकिन विनय की डायरी और मेडिकल कागजात नहीं मिले हैं।

 

 

सिंह ने कहा, ‘वे (तिहाड़ जेल प्रशासन) कहते हैं कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। विनय को धीमा जहर दिया जा रहा था, इसीलिए उसे अस्पताल भी भेजा गया था। विनय ने उस बारे में कई पेंटिंग बनाई हैं और हम उस बारे में राष्ट्रपति को बताना चाहते हैं। यह भी बताने की जरूरत है कि उन चित्रों से उसे क्या आय हुई।’

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंडलोई जेल में दूसरे आरोपी पवन सिंह का सिर फोड़ दिया गया था, उसे अस्पताल ले जाया गया था लेकिन वे कागजात भी वकील को मुहैया नहीं कराए गए। सिंह ने कहा कि तीसरे आरोपी अक्षय कुमार सिंह के स्वास्थ्य से जुड़े कागजात भी नहीं मिले हैं जो दया तथा सुधारात्मक याचिकाएं दायर करने के लिए जरूरी हैं।

राष्ट्रपति ने खारिज की दोषियों की दया याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दो अन्य दोषियों विनय और मुकेश (32) की सुधारात्मक याचिकाएं खारिज कर दी थीं। राष्ट्रपति ने इस महीने की शुरुआत में मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी। अदालत के आदेश के अनुसार, सभी चारों दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी होनी है।

तिहाड़ में चल रही है फांसी की तैयारी

बता दें कि तिहाड़ में इन दिनों फांसी की तैयारी जोरों पर है। बताया जा रहा है कि दोषियों के परिवार को जेल प्रशासन ने जानकारी भेज दी है कि इन लोगों को फांसी 1 फरवरी को होगी और परिवार अगर चाहे तो उनसे आगे मिल ले। तिहाड़ ने दोषियों ने उनकी आखिरी इच्छा या वसीयतनामा बनाने के लिए भी पूछा है। कहा जा रहा है कि 30 जनवरी को जल्लाद पवन तिहाड़ पहुंच जाएगा और फिर वह सारी प्रक्रियाएं पूरी करेगा। वह देश का पहला ऐसा जल्लाद बन जाएगा जो चार दोषियों को एक साथ फांसी देगा।

जानें क्या है पूरा मामला

पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में गैंगरेप किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था। जिसके बाद उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां उसने दम तोड़ दिया।

 

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