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तो बच सकती थी गैंगरेप पीड़िता की जान

अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो रोहतक गैंगरेप मामले की पीड़िता की जान व इज्जत को बचाया जा सकता था। परिजनों ने पुलिस को एक महीने पहले शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने समय रहते कदम नहीं उठाया।
तो बच सकती थी गैंगरेप पीड़िता की जान

पीड़िता के परिजनों ने यह आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हत्या से पहले पुलिस से मदद मांगी गई थी लेकिन पुलिस ने इसे नजरअंदाज कर दिया। परिजनों का कहना है कि आरोपी सुमित उनकी बेटी को परेशान कर रहा था लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। अभी भी वे आरोपियों की दबंगई के खौफ में जी रहे हैं।

उधर, पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी रोंगटे खड़े कर देने वाली है। इसमें पीड़िता के सिर पर किसी भारी हथियार से हमला करना व गैंगरेप से पहले नशीला पदार्थ खिलाने की बात कही गई है। पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में भी धारदार चीज डाली गई क्योंकि इस पार्ट पर चोट के निशान पाए गए है।

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