भारत ने पाकिस्तान के युद्ध जैसे बयानों की कड़ी निंदा करते हुए उसे गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की धमकियां और भड़काऊ बयानबाज़ी उसका पुराना और जाना-पहचाना तौर-तरीका है, जिससे वह अपनी आंतरिक नाकामियों और जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश करता है। मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी परिस्थिति में अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में सक्षम है और पाकिस्तान को अपने शब्दों और कार्यों के गंभीर नतीजों के लिए तैयार रहना चाहिए।
दरअसल, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक बयान में भारत को चेतावनी देते हुए युद्ध जैसे संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि अगर भारत ने किसी भी तरह की कार्रवाई की तो पाकिस्तान “जवाब देने में पीछे नहीं हटेगा।” इस बयान पर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को पहले अपनी धरती से संचालित हो रहे आतंकवाद पर लगाम लगानी चाहिए, न कि पड़ोसी देशों को धमकाना चाहिए।
भारत ने यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान की सेना और राजनीतिक नेतृत्व अक्सर आंतरिक संकट, आर्थिक बदहाली और राजनीतिक अस्थिरता से ध्यान हटाने के लिए ऐसे भड़काऊ बयान देता है। मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश को किसी भी तरह का नैतिक या कानूनी अधिकार नहीं है कि वह दूसरे देशों को उपदेश दे।
रंधीर जायसवाल ने यह भी कहा कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं और सीमाओं पर हर तरह की स्थिति से निपटने में सक्षम हैं। उन्होंने पाकिस्तान को यह भी संदेश दिया कि अगर उसने कोई भी दुस्साहस किया, तो उसे “दर्दनाक और अपरिवर्तनीय” परिणाम झेलने पड़ेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह बयान ऐसे समय आया है जब वह गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है और आंतरिक राजनीतिक संघर्ष से जूझ रहा है। वहीं, भारत ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है और अपनी संप्रभुता व अखंडता की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगा।