Advertisement

भाजपा में शामिल हो सकते हैं सौरव गांगुली? पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर चर्चाएं शुरू

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। आयोग की...
भाजपा में शामिल हो सकते हैं सौरव गांगुली? पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर चर्चाएं शुरू

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। आयोग की घोषणा के 24 घंटें के भीरत ही सौरव गांगुली के राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान लागातार कई महीनों से सुर्खियों में है। माना जा रहा है कि अक्टूबर 2019 में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष बनाने के बदले कोलकाता के प्रिंस भाजपा को इसकी कीमत 'चुकाएंगे'।

बुधवार यानी 24 फरवरी को गांगुली ने अहमदाबाद के मोटेरा में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जमकर तारीफ की।

मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम कर दिया गया। इसमें बैठने की क्षमता 132,000 है। कोलकाता में बैक-टू-बैक हार्ट सर्जरी से उबर रहे गांगुली ने इस भव्य आयोजन को याद किया, लेकिन भारत में दूसरे पिंक बॉल टेस्ट की मेजबानी के लिए जरूरी 'प्रयास' की सराहना की।

पश्चिम बंगाल में मार्च-अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनावों में आठ चरणों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में बात फैल रही है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप देखे जाने वाले सौरभा गांगुली कमल की पार्टी में शामिल हो रहे है।

लेकिन पार्टी सूत्रों ने आउटलुक को बताया कि ऐसी कोई योजना नहीं थी। अगर सौरव गांगुली जैसे व्यक्ति को भाजपा में शामिल होना है, तो वह दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में ऐसा करेंगे।

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि दो मार्च को कोलकाता में अमित शाह की उम्मीद थी, लेकिन पश्चिम बंगाल में भाजपा पार्टी के अध्यक्ष दिलीप घोष जिलों का दौरा कर रहे हैं।

बता दें कि सितंबर 2015 में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने दिवंगत जगमोहन डालमिया का स्थान गांगुली को दिया था।

सौरभा गांगुली का फैसला

हालांकि सौरभा गांगुली ने किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया है। वहीं उनके करीबी दोस्तों में से एक का कहना है कि अभी उन्हें किसी भी पार्टी में शामिल होने में बहुत देर हो गई है, लेकिन भविष् में कुछ भी हो सकता है।

बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में गांगुली का कार्यकाल संदेह के घेरे में है। सुप्रीम कोर्ट मार्च में फैसला सुनाएगा कि क्या वह और गृह मंत्री के बेटे जय शाह बीसीसीआई के पदाधिकारियों के रूप में जारी रख सकते हैं। बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, गांगुली और शाह दोनों ने पिछले साल अपनी शर्तों को समाप्त कर दिया है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad