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इतालवी मरीन मामला- केस को बंद करने के लिए केंद्र की याचिका पर आदेश पारित करने से पहले पीड़ित परिजनों को सुनेंगे: सुप्रीम कोर्ट

केरल में इटली के मरीन द्वारा दो मछुआरों की हत्या के मामले पर शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने फिलहाल...
इतालवी मरीन मामला- केस को बंद करने के लिए केंद्र की याचिका पर आदेश पारित करने से पहले पीड़ित परिजनों को सुनेंगे: सुप्रीम कोर्ट

केरल में इटली के मरीन द्वारा दो मछुआरों की हत्या के मामले पर शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने फिलहाल केंद्र सरकार की केस को बंद करने की अर्जी पर आदेश जारी करने से इनकार कर दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एस ए बोबडे ने कहा कि पीडित परिवारों को सुने बिना कोई आदेश जारी नहीं करेंगे। सीजेआई ने कहा, 'पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए। साथ ही न्यायालय ने केंद्र से कहा कि वह इतालवी मरीन मामले को बंद करने के अनुरोध संबंधी अपनी याचिका में पीड़ितों के परिजन को पक्षकार बनाकर ताजा याचिका दायर करे।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इतालवी मरीनों के हाथों जान गंवाने वाले मछुआरों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए । वहीं केंद्र ने न्यायालय को बताया कि इटली ने हमें आश्वासन दिया है कि वह भारतीय मछुआरों की जान लेने के आरोपी मरीनों पर मुकदमा चलाएगा ।

सुप्रीम कोर्ट ने इटली की ओर से पेश वकील से कहा कि उन्हें पर्याप्त मुआवजा देना होगा। वकील ने कहा - वाजिब मुआवजा दिया जाएगा। इस पर सीजेआई ने कहा- 'वाजिब नहीं पर्याप्त मुआवजा।'

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल मेहता को एक हफ्ते के भीतर पीड़ितों के परिवारों को मामले में शामिल करने के लिए आवेदन दायर करने के लिए कहा है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र केस वापसी के लिए ट्रायल कोर्ट में एक आवेदन दायर करने के बजाय भारत में मामले को बंद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट  कैसे आ सकता हैं?  

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले की सुनवाई को बंद करने का अनुरोध किया है। केंद्र सरकार ने अदालत से कहा है कि भारत ने यूएन कन्वेंशन ऑन लॉ ऑफ द् सी के फैसले को मानने का फैसला किया है, क्योंकि इसके बाद कोई अपील नहीं हो सकती और ये अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता नियमों के अनुसार बाध्यकारी है। लिहाजा अदालत इस मामले में लंबित सुनवाई को बंद कर दे।

गौरतलब है कि लगभग 8 साल पहले केरल के समुद्री तट पर इटली के दो नौसैनिकों द्वारा मछुआरों को गोली मार दी गई थी। ये मामला भारत की कोर्ट से होता हुआ अंतरराष्ट्रीय अदालत तक चला था। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने आदेश पारित किया था कि इन नौसैनिकों पर इटली में ही केस चलेगा।

 

 

 

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