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कौन है आनंद गिरि जिसपर दर्ज हुआ महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस, जानें अहम बातें

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को लेकर कई तरह के सवाल उठने...
कौन है आनंद गिरि जिसपर दर्ज हुआ महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस, जानें अहम बातें

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। उनके शिष्य आनंद गिरि को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। आनंद गिरी पर नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी दर्ज कर लिया गया है। दरअसल, नरेंद्र गिरि ने सूइसाइड नोट में आनंद सहित दो अन्य शिष्यों पर आरोप लगाया है। बता दें कुछ समय पहले ही महंत नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के बीच विवाद हुआ था। आनंद गिरि ने अपने गुरु पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और निरंजनी अखाड़े के दो युवा साधुओं की मौत को हत्या बताया था। वहीं ध्यान देने वाली बात यह है कि नरेंद्र गिरि की मौत को भी सबसे पहले आनंद गिरि ने हत्या करार दिया था।


मूलतः उत्‍तराखंड के रहने वाले आनंद गिरि निरंजनी अखाड़ा का सदस्य थे। इसी वर्ष उनपर संत परंपरा का निर्वहन ठीक से नहीं करने और अपने परिवार से संबंध बनाए रखने का भी आरोप लगा था। इस आरोप के बाद उन्हें अखाड़े से निष्कासित कर दिया था। महंत नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। माना यह भी जा रहा था कि इस विवाद की जड़ बाघंबरी पीठ की गद्दी थी।

ऐसे में अखाड़े से निष्कासित होने के बाद आनंद गिरि ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपने गुरु महंत गिरि पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए। उन्होंने नरेंद्र गिरि पर मठ की भूमि बेचने का आरोप लगाए। इसके अलावा उन्होंने अपनी जान का खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के साथ ही यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भी चिट्ठी लिखी थी।

आनंद गिरि ने निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत आशीष गिरि और दिगंबर गंगापुरी की मौत पर प्रश्न खड़ा करते हुए हत्या करार दिया था। आनंद ने कहा था कि आशीष गिरि की संपत्ति के लिए की हत्या करवा दी गई थी मगर महंत नरेंद्र गिरि ने अपने रसूख से उसे आत्महत्या का मामला बनवा दिया। ऐसे ही महंत दिगंबर गंगापुरी महाराज की भी संदिग्ध स्थिति में मौत हुई थी। आनंद गिरि ने दोनों की मौत की जांच की मांग की थी।

हालांकि नरेंद्र गिरि ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया था। नरेंद्र गिरि ने कहा था कि आनंद गिरि सुरक्षा पाने के लिए जानबूझकर नौटंकी कर रहे थे। इसके बाद दोनों के बीच सुलह हो गई थी और आनंद गिरि ने अपने गुरु के पैर पकड़कर माफी तक मांग ली थी। नरेंद्र गिरि ने भी आनंद गिरि पर लगाए प्रतिबंध भी हटा लिए थे जिसमें मठ बाघंबरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर में जाने की अनुमति दे दी थी।

इसके साथ ही आनंद गिरी पर छेड़छाड़ के भी आरोप लगे थे। आनंद गिरि पर 2019 में दो विदेशी युवतियों ने छेड़खानी का केस दर्ज करवाया था। उस समय आनंद गिरि ऑस्ट्रेलिया में थे। उसी दौरान वहां की रहने वाली दो युवतियों ने योग सिखाने के बहाने छेड़खानी की शिकायत की थी। विदेशी धरती पर मुकदमा दर्ज होने के बाद आनंद को जेल भी जाना पड़ा था मगर कोर्ट में आरोप साबित न होने पर बाइज्जत बरी हो गए थे।

 

 

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