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घर के लिए खरीद रहे हैं ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर?, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

भारत इस वक्त कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर देश में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर...
घर के लिए खरीद रहे हैं ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर?, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

भारत इस वक्त कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर देश में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की मांग बढ़ती जा रही है। बता दें कि ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता वाले लोगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाला छोटा उपकरण है। 

भारत इन दिनों ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों की मांग में बढ़ने के कारण कई अस्पतालों द्वारा एसओएस संदेश भेजे जा रहे हैं। इस दौरान मरीजों द्वारा ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर का उपयोग किया जा रहा है। इस खबर में जानिए ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर के उपयोग से जुड़ी अहम बातें- 

ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर का उपयोग कब करना चाहिए?

ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर ऐसे मरीजों के लिए लाभकारी है जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 95 प्रतिशत से कम हो। उनके शरीर के अन्य भागों को नुकसान से बचाने के लिए तुरंत ऑक्सीजन थेरेपी पर रखा जाना चाहिए। नई दिल्ली में बीपीएल मेडिकल टेक्नोलॉजीज में एमडी और सीईओ सुनील खुराना ने कहा कि ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर नाक प्रवेशनी के माध्यम से मरीजों को पूरे ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है।

फरीदाबाद के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल से एचओडी और वरिष्ठ सलाहकार पल्मोनोलॉजी डॉ रवि शेखर झा बताते हैं कि ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर एक एयर कंडीशनिंग मशीन की तरह काम करती है। यह हवा से ऑक्सीजन लेती है और इसे संशोधित कर एक अलग रूप में हम तक पहुंचाती है। ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर हमारे आस-पास मौजूद ऑक्सीजन को एकत्र करता है।

यह कैसे काम करता है?

ऑक्सजीन कंसंट्रेटर एक मेडिकल डिवाइस है, जो आसपास की हवा से ऑक्सीजन को एक साथ इकट्ठा करता है। पर्यावरण की हवा में 78 फीसदी नाइट्रोजन और 21 फीसदी ऑक्सीजन गैस होती है। दूसरी गैस बाकी 1 फीसदी हैं। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर इस हवा को अंदर लेता है, उसे फिल्टर करता है, नाइट्रोजन को वापस हवा में छोड़ देता है और बाकी बची ऑक्सीजन मरीजों को उपलब्ध कराता है। इसका उपयोग स्वास्थ्य देखभाल में ऑक्सीजन के लिए किया जाता है। विशेष रूप से जहां तरल या दबावयुक्त ऑक्सीजन बहुत खतरनाक या असुविधाजनक है, जैसे कि घरों में या पोर्टेबल क्लीनिक में।

ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर का उपयोग करना ऑक्सीजन सिलेंडर की तुलना में ज्यादा आसान है। यह पोर्टेबल और उपयोग करने में आसान होते हैं। हालाकि सिलेंडर की तुलना में ये ज्यादा महंगे होते हैं। जहां सिलेंडर 8,000-20,000 रुपये तक मिलता है वहीं इसकी कीमत 40,000-90,000 रुपये है, लेकिन कंस्ट्रेटर का रखरखाव की बहुत कम आवश्यकता होती है।

इसमें केवल बिजली का खर्चा ही आता है। इसके अलावा समय के साथ इसके डिस्पोजेबल फिल्चर्स और छलनी बेड बदलने पड़ते हैं।

ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर के प्रकार?

बाजार में दो प्रकार के ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर कंटीन्यूअस फ्लो और पल्स डोज हमारे लिए उपलब्ध हैं। इंडियन एक्सप्रेस रिपोर्ट के अनुसार कंटीन्यूअस फ्लो ऑक्सीजन हर मिनट ऑक्सीजन का एक समान प्रवाह प्रदान करता है जब तक इसे बंद नहीं किया जाता। पल्स डोज श्वास पैटर्न की पहचान कर सांस लेने पर ऑक्सीजन देती है। 


भारत में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर का आयातक और निर्माता?

भारत में सामान्य आयातक और निर्माता फिलिप्स, बीपीएल मेडिकल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, इनवेकरे, एयरसेप कॉर्पोरेशन, एसएस टेक्नोलॉजीज, ओशोकोर्प ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, मेडट्रॉनिक, इनोजेन, निडेक मेडिकल, चार्ट इंडस्ट्रीज हैं।

ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर खरीदने या किराये पर लेने से पहले ध्यान रखे ये बातें-

सामान्य हवा में 21 प्रतिशत ऑक्सीजन होती है। ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर वायुमंडल से हवा, फिल्टर नाइट्रोजन और अन्य गैसे लेता है और शेष ऑक्सीजन प्रवेशनी के माध्यम से देता है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि यदि 1 लीटर ऑक्सीजन को कंस्ट्रेटर के माध्यम से रोगी को प्रदान किया जाता है तो फेफड़ों में ऑक्सीजन 24 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। 2 लीटर के साथ यह 28 प्रतिशत और 10 लीटर के साथ 60 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। इसमें जरूरत के आधार पर हर मिनट ऑक्सीजन की मात्रा को नियंत्रित करना होता है।

ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर के माध्यम से ऑक्सीजन देने से पहले आपको एक डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ ही आपके पास हमेशा एक पल्स ऑक्सीमीटर होने चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर 0.1 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) से 5 से 10 एलपीएम के बीच आपूर्ति कर सकता है। एक कंस्ट्रेटर में 92-95 प्रतिशत शुद्ध ऑक्सीजन होती है।

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