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क्या है बंगाल का कोयला घोटाला, जिसके कारण सीबीआई के निशाने पर है ममता का परिवार

पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनावों से पहले राज्य की सियासत में कोयला घोटाला ने बड़ी हलचल पैदा कर दी...
क्या है बंगाल का कोयला घोटाला, जिसके कारण सीबीआई के निशाने पर है ममता का परिवार

पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनावों से पहले राज्य की सियासत में कोयला घोटाला ने बड़ी हलचल पैदा कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार (21 फरवरी) को राज्य में कोयला चोरी और अवैध कोयला खनन के मामले में  मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी को समन जारी किया है। सीबीआई ने अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा।


आखिर क्या है कोयला घोटाला जिसके कारण सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का परिवार सीबीआई के निशाने पर है...

एनडीटीवी के मुताबिक, पिछले साल 27 नवंबर को सीबीआई की कोलकाता एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के लीजहोल्ड एरिया से कोयले के अवैध खनन और उठाव के संबंध में भ्रष्टाचार और आपराधिक विश्वासघात का मामला पंजीबद्ध किया था। ईसीएल सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो पश्चिम बंगाल और झारखंड में कोयला खनन का काम करती है। यह मामला पिछले साल मई-अगस्त से जुड़ा है, जब सतर्कता विभाग और ईसीएल टास्क फोर्स ने निरीक्षण के दौरान पाया था कि ईसीएल के पट्टे क्षेत्र में व्यापक रूप से अवैध कोयला खनन और उसकी ढुलाई हो रही है। टीम ने तब पाया था कि अवैध कोयला खनन में कई मशीनें लगी हैं और ढुलाई के लिए भी वहां बड़ी तादाद में गाड़ियां खड़ी हैं। टीम ने तब बड़े पैमाने पर कोयले की जब्ती की थी। उस क्षेत्र में कई अवैध भार मापक मशीनें भी लगी हुई थीं। इससे स्पष्ट पता चल रहा था कि अवैध खनन और कोयले ढुलाई का काम संगठित तौर पर संचालित हो रहा है।

पश्चिम बंगाल के आसनसोल से लेकर पुरुलिया और बांकुड़ा तक और झारखंड में धनबाद से लेकर रामगढ़ तक कोल पट्टी में कई ऐसी खदानें हैं जहां खनन कार्य बंद पड़ा हुआ है मगर वहां माफिया अवैध खनन कार्य अब भी कर रहे हैं। नवंबर 2020 में सीबीआई ने इसको लेकर ईसीएल के कई अधिकारियों, कर्मचारियों सहित रेलवे और सीआईएसएफ के अधिकारियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि इन विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मिलीभगत कर कोयले का अवैध खनन और चोरी कर रहे हैं।
वहीं सीबीआई ने इस मामले में अनूप मांझी को सरगना बताया है। इनके साथ ही ईसीएल के महाप्रबंधक अमित कुमार धर और जयेश चंद्र राय, ईसीएल के चीफ सिक्योरिटी इन्स्पेक्टर तन्मय दास और एरिया सिक्योरिटी इन्स्पेक्टर धनंजय राय और सुरक्षा प्रभारी देबाशीष मुखर्जी को भी सीबीआई ने नामजद किया है।

केस दर्ज करने के अगले ही दिन सीबीआई ने 28 नवंबर, 2020 को पश्चिम बंगाल में 45 स्थानों पर छापे मारे थे। इनमें से ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले विनय मिश्रा के ठिकाने भी शामिल थे। सीबीआई ने इस सिलसिले में मिश्रा को चार बार नोटिस जारी कर बुलाया मगर वो जांच एजेंसी के सामने कभी पेश नहीं हुए। अब उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट और लुकआउट नोटिस जारी किया जा चुका है।


शनिवार (20 फरवरी) को सीबीआई ने बंगाल के 13 स्थानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी को समन भेजा गया। हालांकि, सीबीआई द्वारा दर्ज केस में रुजिरा का नाम नहीं है। सीबीआई ने रुजिरा की बहन मेनका गंभीर को भी समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया। सूत्रों के अनुसार, गवाहों और संदिग्धों के बयान के आधार पर सीबीआई को इन दोनों की भूमिका अवैध कोयला खनन और चोरी में नजर आई है और उसी के आधार पर पूछताछ के लिए बुलाया गया।


सूत्रों के अनुसार रुजिरा बनर्जी की कंपनी लैप्स एन्ड बॉन्ड्स मैनेजमेंट सर्विस एलएलपी शक के घेरे में है, इसके कुछ बैंकिंग लेनदेन पर सीबीआई को संदेह है। अभिषेक बनर्जी ने ये कंपनी अपनी मां लता के नाम पर बनाई थी। दूसरी कंपनी उन्होंने मार्च 2017 में बनाई थी। इन कंपनियों में उनकी पत्नी, साली और पिता अमित बनर्जी पार्टनर और डायरेक्टर हैं।



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