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धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने झारखंड लिंचिंग की निंदा की, कहा- सरकार उठाए सख्त कदम

अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने बुधवार को झारखंड में एक मुस्लिम...
धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने झारखंड लिंचिंग की निंदा की, कहा- सरकार उठाए सख्त कदम

अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने बुधवार को झारखंड में एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या की कड़ी निंदा की और सरकार से इस तरह की हिंसा और धमकी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया।

24 साल के तबरेज़ अंसारी को चोरी के संदेह में पिछले बुधवार को झारखंड के सेरीकेला खरसावां जिले के धातकीडीह गांव में भीड़ द्वारा एक खंभे से बांध कर लाठियों से पीटा गया था। नवविवाहित व्यक्ति को कथित तौर पर "जय श्री राम" और "जय हनुमान" का नारा लगाने के लिए मजबूर करते हुए हुए वीडियो में देखा गया। उन्होंने शनिवार को दम तोड़ दिया।

यूएससीआईआरएफ के चेयरमैन टोनी पर्किन्स ने कहा, "हम इस क्रूर हत्या की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें अपराधियों ने अंसारी को कथित तौर पर हिंदू मंत्रों का उच्चारण करने के लिए मजबूर किया।" उन्होंने कहा, "हम भारत सरकार से ठोस कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं,जिससे इस तरह की हिंसा को रोका जा सके।" उन्होंने कहा, "जवाबदेही का अभाव उन लोगों को प्रोत्साहित करता है जो मानते हैं कि वे धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बना सकते हैं।”

इससे पहले अपनी हालिया वार्षिक रिपोर्ट में, यूएससीआईआरएफ  ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन को लेकर चिंता व्यक्त की है।

बता दें कि अमेरिका के विदेश विभाग की ओर से जारी हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ, खासतौर पर मुस्लिमों पर हिंसक चरमपंथी हिंदू समूहों द्वारा भीड़ के हमले 2018 में भी जारी रहे। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों, हाशिए के समुदायों और सरकार के आलोचकों पर भीड़ के हमलों पर कार्रवाई करने में विफल रही। हालांकि भारत ने इसे सिरे से खारिज किया।

रिपोर्ट का शीर्षक है- भारत 2018 अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता, जिसमें कहा गया है कि सरकार कभी-कभी धार्मिक अल्पसंख्यकों, हाशिए के समुदायों और सरकार के आलोचकों पर भीड़ के हमलों पर कार्रवाई करने में विफल रही। रिपोर्ट में कहा गया, 'भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए। देश में कम से कम 24 राज्य में गो वध पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध हैं।'

रिपोर्ट में कहा गया है, 'प्रतिबंध ज्यादातर मुसलमानों और अन्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को प्रभावित करता है। 24 राज्यों में से अधिकांश में जहां गो वध पर प्रतिबंध है, दंड में छह महीने से दो साल तक कारावास और 1,000 से 10,000 रुपए का जुर्माना शामिल है।'

भारत में सांप्रदायिक घटनाओं में 9 फीसदी की वृद्धि

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा जारी रिपोर्ट में गृह मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि 2015 में 2017 तक भारत में सांप्रदायिक घटनाओं में 9 फीसदी की वृद्धि हुई है, 822 घटनाओं के साथ 111 मौतें हुई और 2017 में 2,384 घायल हुए।

कठुआ मामले का जिक्र

जम्मू-कश्मीर की 8 साल की मुस्लिम लड़की का अपहरण करने, बलात्कार और हत्या करने का उदाहरण देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है, 'धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों में कानून प्रवर्तन कर्मियों पर शामिल होने के आरोप थे। 10 जनवरी को जम्मू और कश्मीर पुलिस ने अपहरण, सामूहिक बलात्कार और 8 साल की लड़की की हत्या के मामले में 4 पुलिस कर्मियों सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुरुषों ने कथित तौर पर पीड़िता का अपहरण किया, उसे पास के एक मंदिर में ले गए, और उसके खानाबदोश मुस्लिम समुदाय को बाहर निकालने के प्रयास में उसका बलात्कार किया और उसे मार डाला।'

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