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उन्नाव मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश- 7 दिन में पूरी हो एक्सीडेंट की जांच, केस दिल्ली ट्रांसफर

उन्नाव गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश...
उन्नाव मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश- 7 दिन में पूरी हो एक्सीडेंट की जांच, केस दिल्ली ट्रांसफर

उन्नाव गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। इसके अलावा देश की शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले में आदेश दिया है कि पीड़िता के एक्सीडेंट की जांच सीबीआई 7 दिन में पूरी करे। वहीं, कोर्ट ने अब तक हुई जांच और रायबरेली में इसी हफ्ते हुई सड़क दुर्घटना को लेकर पूरी जानकारी मांगी है।  

इस मामले को लेकर आज ही दूसरी बार हुई सुनवाई के दौरान सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, मामले की जांच में आपको कितना समय लगेगा? इसका जवाब देते हुए तुषार मेहता ने कहा कि एक महीने में जांच पूरी हो जाएगी। कोर्ट ने जांच के लिए एक महीने का समय देने से मना करते हुए कहा, इस मामले की जांच सात दिन में पूरी की जाए।

 

इसके बाद कोर्ट ने पीड़िता की हालत के बारे में जानकारी मांगी, कोर्ट ने पूछा कि क्या वो कहीं ले जाने की हालत में है? इसके जवाब में मेहता ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता इस वक्त वेंटीलेटर पर हैं। उसे एयरलिफ्ट किए जाने के बारे में एम्स से सलाह ली जाएगी।

 

फिलहाल कोर्ट में मामले की सुनवाई रोक दी गई है। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा है कि कोर्ट दो बजे वापस बैठेगा और घटना से जुड़े सभी पांच मामलों को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने का आदेश देगा।

इससे पहले अदालत ने उन्नाव केस में जांच की स्टेटस रिपोर्ट और एक्सिडेंट केस में अब तक हुई सीबीआई जांच की रिपोर्ट 12 बजे तक सौंपेने को कहा था। मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि 12 बजे तक सीबीआई के किसी जिम्मेदार अधिकारी को बुलाइए।

सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को जानकारी दी कि मामले की जांच कर रहे अफसर लखनऊ में हैं, इसलिए उनका अदालत में पेश होना मुश्किल है। ऐसे में सीजेआई ने कहा कि सीबीआई हमें फोन पर ये जानकारी दे सकती है। फिर भी सीबीआई के एक अफसर को पेश होने के लिए कहें।

माना जा रहा है कि शीर्ष अदालत के आदेश के बाद अब उन्नाव रेप का मामला, एक्सीडेंट का मामला की सुनवाई दिल्ली में होगी।

बता दें कि कुछ दिनों पहले जब उन्नाव रेप पीड़िता अपने परिवार के साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए घर से निकली तो रायबरेली के पास उसकी गाड़ी को एक ट्रक ने टक्कर मार दी। इस हादसे में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई। पीड़िता और उसका परिवार इसे जेल में बंद आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर की ओर से रची गई साजिश बता रहा है।

सुप्रीम कोर्ट आज पीड़िता की मां की चिट्ठी पर भी सुनवाई करेगा कि 17 जुलाई को मिली चिट्ठी कोर्ट के संज्ञान में देरी से क्यों लाई गई। अदालत में आज यूपी सरकार पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी पेश करेगी।

इससे पहले  पीड़ित द्वारा प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे पत्र का बुधवार को संज्ञान लेते हुये इसे प्रधान न्यायाधीश के समक्ष पेश करने मे हुये विलंब पर अपने सेक्रेटरी जनरल से रिपोर्ट मांगी है। बलात्कार पीड़ित इस 19 वर्षीय लड़की ने इस पत्र में अपनी जान को खतरे की आशंका व्यक्त की थी और कुछ घटनाओं का भी इसमें जिक्र किया था।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, यह पत्र अभी तक सामने नहीं आया है लेकिन समाचार पत्रों में ऐसे खबर प्रकाशित हुयी है कि मानो मैंने इस पत्र को पढ़ लिया है।’’

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने कहा कि समाचार पत्रों ने ऐसे पेश किया है कि मानो प्रधान न्यायाधीश ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है। पीठ ने कहा, ‘‘हम इस अत्यधिक विस्फोटक स्थिति के बारे में कुछ करेगे।’’  पीठ ने ये टिप्पणियां उस वक्त की जब बच्चों से बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि ने उन्नाव बलात्कार प्रकरण सुनवाई के लिये शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।

शीर्ष अदालत ने इस मामले को गुरुवार के लिये सूचीबद्ध करते हुये उत्तर प्रदेश सरकार को उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़ित से संबंधित दुर्घटना के बारे में प्रगित रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

क्या है मामला?

भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 19 वर्षीय इस महिला से करीब दो साल पहले उन्नाव में अपने आवास पर कथित रूप से बलात्कार किया था। यह महिला रविवार को रायबरेली में अपनी कार के साथ एक तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर में बुरी तरह जख्मी हो गयी जबकि उसके परिवार के दो सदस्यों की इस हादसे में मृत्यु हो गयी थी। महिला के परिवार ने इस कार दुर्घटना के पीछे साजिश का आरोप लगाते हुये शिकायत दर्ज करायी है। कार दुर्घटना के एक दिन बाद दर्ज प्राथिमकी में भाजपा विधायक, उसके भाई मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरूण सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह, रिंकू सिंह और अवधेश सिंह को आरोपी के रूप में नामजद किया गया है। इस बलात्कार कांड में उप्र के बांगड़मउ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के चार बार के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं और उन्हें पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था।

पत्र में क्या है?

बलात्कार पीड़ित और उसके परिवार के दो सदस्यों द्वारा लिखा गया यह पत्र 12 जुलाई का है और इसे इलाहाबाद हाई कोर्ट और उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य प्राधिकारियों को भेजा गया था।

प्रधान न्यायाधीश को भेजे गये पत्र में दावा किया गया है कि 7-8 जुलाई को भाजपा विधायक सेंगर से कथित रूप से संबंध रखने वाले कुछ व्यक्तियों ने पीड़ित के परिवार को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी थी।

पत्र पर पीड़ित, उसकी मां और चाची के हस्ताक्षर हैं। पत्र के मुताबिक सात जुलाई को बलात्कार मामले में एक आरोपी के बेटे नवीन सिंह, शशि सिंह, मनोज सिंह, (एक अन्य आरोपी कुलदीप सिंह के भाई) और कन्नू मिश्रा उनके घर आये थे और उन्हें धमकी दी थी। इसके अगले दिन एक अन्य व्यक्ति भी उनके घर आया था।

पीड़ित और उसके परिवार ने कहा कि पत्र के साथ उस कार का वीडियो भी संलग्न किया गया था जिसमें ये लोग उनके घर आये थे। पत्र में उन्हें धमकी देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। उन्नाव बलात्कार कांड उस समय सामने आया जब पीड़ित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर कथित रूप से आत्मदाह करने का प्रयास किया था।

 

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