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मोदी सरकार में राजस्थान के दो रिटायर्ड अफसरों का रुतबा, मिलीं ये बड़ी जिम्मेदारियां

राजस्थान सरकार के दो पूर्व आईएएस अधिकारी केंद्र की मोदी सरकार के पसंदीदा बनकर उभरे हैं। रिटायर होने के बाद भी इन्हें चुनाव आयुक्त और नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) जैसी जिम्मेदारियां दी जा रही हैं।
मोदी सरकार में राजस्थान के दो रिटायर्ड अफसरों का रुतबा, मिलीं ये बड़ी जिम्मेदारियां

वैसे मोदी सरकार में शुरू से ही राजस्थान काडर के अधिकारी अहम भूमिकाओं में रहे हैं। लेकिन पूर्व आईएएस अधिकारी सुनील अरोड़ा का चुनाव आयुक्त और गृह सचिव रहे राजीव महर्षि का कैग के पद पर नियुक्त होना सरकार में इनके बढ़ते रुतबे का सबूत है। सुनील अरोड़ा मोदी सरकार में सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव भी रह चुके हैं। उनकी गिनती मोदी के भरोसेमंद अधिकारियों में होती है।  

मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के जुलाई में रिटायर होने के बाद से आयोग में एक पद खाली था। कानून मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सुनील आरोड़ा को चुनाव आयुक्त बनाया गया है। फिलहाल अचल कुमार ज्योति मुख्य चुनाव आयुक्त हैं।

1980 बैच के राजस्थान काडर के आईएएस अधिकारी सुनील अरोड़ा 1999-2005 के बीच इंडियन एयरलाइंस के सीएमडी भी रह चुके हैं और उनका वह कार्यकाल काफी चर्चित रहा है। साल 2005-08 में जब वसुंधरा राजे राजस्थान की मुख्यमंत्री थीं, तब सुनील अरोड़ा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मुखिया थे। बाद में अशोक गहलोत के समय राजस्थान के उद्योग विभाग के सचिव रहते हुए उन्होंने प्रदेश में निवेश जुटाने में अहम भूमिका निभाई।

अरोड़ा को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का नजदीकी माना जाता है। आने वाले दिनों में चुनाव आयोग को ईवीएम, जदयू में फूट और आप विधायकों के मामले में अहम फैसले लेने हैं। इस लिहाज से चुनाव आयुक्त के तौर पर सुनील अरोड़ा की नियुक्ति काफी मायने रखती है।

1978 बैच के आईएएस अधिकारी राजीव महर्षि की गिनती भी राजस्थान कॉडर से आने वाले मोदी सरकार के हाईप्रोफाइल नौकरशाहों में होती है। वह देश के अगले नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक होंगे। हालांकि, अभी इसकी औपचारिक घोषणा होनी बाकी है।  

हाल तक राजीव महर्षि केंद्र सरकार में गृह सचिव थे। गुरुवार को सेवानिवृत्त होते ही उन्हेेंं कैग जैसी अहम जिम्मेदारी दिए जाने की खबरें आने लगींं। वह वर्तमान कैग शशिकांत शर्मा की जगह लेंगे जिनकी नियुक्ति 2013 में यूपीए सरकार के दौरान हुई थी। शशिकांत शर्मा का कार्यकाल 24 सितंबर को पूरा हो रहा है। कैैैग पर सरकारी खातों के ऑडिट की संवैधानिक जिम्मेदारी होती है। 

जल्द ही महर्षि की नियुक्ति के बारे में औपचारिक घोषणा हो सकती है। इससे पहले वह वित्त सचिव भी रहे चुके हैं। इस बीच, गुरुवार को वरिष्ठ अधिकारी राजीव गौबा ने नए गृह सचिव का कार्यभार संभाल लिया है। 


 

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