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नए साल पर होने जा रहे हैं ये 10 बड़े बदलाव, आपकी जेब पर पड़ेगा असर

नया साल अपने साथ कई बदलाव लेकर भी आता है। लिहाजा आज (1 जनवरी 2020) से सिर्फ तारीख ही नहीं, बल्कि कुछ नियम भी...
नए साल पर होने जा रहे हैं ये 10 बड़े बदलाव, आपकी जेब पर पड़ेगा असर

नया साल अपने साथ कई बदलाव लेकर भी आता है। लिहाजा आज (1 जनवरी 2020) से सिर्फ तारीख ही नहीं, बल्कि कुछ नियम भी बदलने वाले हैं। लेकिन इनका प्रभाव आपकी जेब पर भी पड़ने वाला है। बदलावों में कुछ नियम लागू होंगे, जिनसे आपकी बैंकिंग से लेकर खरीदारी तक पर सीधा असर पड़ेगा। कुछ बदलाव आज से ही लागू हो रहे हैं जबकि कुछ एक दो माह के भीतर लागू हो जाएंगे। तो चलिए एक नजर डालते हैं इन बदलावों पर...

1.गाड़ियां महंगी हो जाएंगी

एक जनवरी से गाड़ियां महंगी होने जा रही है। दरअसल, सभी ऑटो कंपनियां कीमतें बढ़ाने वाली है। कंपनियां BS-VI लागत में बढ़ोतरी के कारण कीमतें बढ़ा रही है। मारूती और टाटा मोटर्स ने पहले ही इस बारे में घोषणा कर दी है।

2.सबका विश्वास स्कीम बंद

एक जनवरी 2020 से सबका विश्वास स्कीम बंद होने जा रही है। जानकारी के लिए बता दें कि वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट में सरकार ने सबका विश्वास स्कीम की शुरुआत की थी। दरअसल, वित्त मंत्रालय ने अप्रत्यक्ष कर के विवादों का निपटारा करने के लिए योजना बनाई थी। इस योजना की अवधि 31 दिसंबर 2019 को समाप्त हो जाएगी।

3.ई-बिलिंग का ट्रायल

जीएसटी लागू होने के ढाई साल बाद पहली बार व्यापार जगत ई-इनवॉइसिंग से रूबरू होगा। एक जनवरी से 500 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए इसका ट्रायल शुरू हो रहा है, जो स्वैच्छिक होगा। 100 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वालों के लिए यह ट्रायल एक फरवरी से शुरू होगा। दोनों श्रेणियों के लिए यह एक अप्रैल, 2020 से अनिवार्य हो जाएगा। इसमें शामिल यूनीक इनवॉइस रेफरेंस नंबर से बोगस बिलिंग और टैक्स चोरी पर लगाम कसेगी।

4.फास्टैग होगा अनिवार्य

सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर डिजिटल तरीके से टोल इक्टठा करना शुरु किया है। नए साल में 15 जनवरी 2020 से सभी गाड़ियों पर फास्टैग अनिवार्य हो जाएगा। हाईवे से गुजरने वाले सभी वाहनों पर फास्टैग जरुरी होगा। बता दें कि फास्टैग लेन से केवल वहीं गाड़ियां गुजरेंगी जिनमें फास्टैग लगा होगा। बाकी गाड़ियों को दोगुना पैसे का भुगतान करना पड़ेगा।

5...तो डेबिट कार्ड हो जाएगा बंद

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने सभी ग्राहकों को मैग्नेचिक स्ट्रिप डेबिट कार्ड ईएमवी चिप और पिन बेस्ड कार्डस में बदलाव करने के लिए कहा है। बैंक ने डेबिट कार्ड बदलने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2019 है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका कार्ड बंद हो जाएगा। बैंक से कार्ड बदलने की आंतिम तारीख 31 दिसंबर 2019 थी।

6.बीमा पॉलिसी से जुड़े नियमों में होगा बदलाव

एक फरवरी 2020 से बीमा पॉलिसी से जुड़े नियम बदल जाएंगे। आईआरडीए  ने इसके लिए पहले ही बीमा कंपनियों को आदेश जारी कर दिए हैं। ये चेंज लिंक्ड, नॉन लिंक्ड जीवन बीमा पॉलीसी में किया जाएगा। जैसे ही ये लागू होगा इसी के साथ पॉलिसी का प्रीमियम महंगा हो जाएगा और गारंटीड रिटर्न कम हो जाएगा। इतना ही नहीं पॉलीसी मैच्योरिटी पर पैसे निकालने की सीमा 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत होना संभव है।

7.गहने खरीदने के नियमों में बदलाव

गहने खरीदने के नियमों में भी बदलाव हो सकता है। नए साल में सोने की खरीदारी से जुड़े नियमों में बदलाव का अनुमान है। माना जा रहा है कि सरकार नए साल में गहनों की हॉलमार्किंग जरुरी कर सकती है। पूरे देश में ये नया नियम 15 जवनरी 2021 से लागू हो जाएगा। हालांकि, अभी ज्वैलर्स की मर्जी है कि वह हॉलमार्क लगाना चाहे या नहीं। अगर सरकार इसे अनिवार्य करती है तो ऐसा करना सभी ज्वैलर्स के लिए अनिवार्य हो जाएगा।

8.डिजिटल पेमेंट आसान

जनवरी से रूपे कार्ड और यूपीआई के जरिये भुगतान पर कोई मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) नहीं लगेगा। साथ ही 50 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाले करोबारियों के लिए डिजिटल पेमेंट निशुल्क होगा। इससे छोटे कारोबारियों को आसानी हो जाएगी। आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे खाताधारकों से इसके लिए कोई शुल्क नहीं लेंगे। इसके अलावा एनएईएफटी के जरिये पैसे भेजना भी निशुल्क हो जाएगा।

9.सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में भी बदलाव

सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम के नियमों में भी बदलाव होने जा रहा है। सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में  60 की उम्र में सेवानिवृत्त होने वाला व्यक्ति निवेश कर सकता है। ये खाता 5 साल में मैच्योर हो जाता है। इस वजह से अब पांच साल से पहले पैसे निकालना मुमकिन नहीं है। बता दें कि इसमें एफडी से ज्यादा ब्याज मिलता है।

10.आधार से जीएसटी पंजीकरण

सरकार ने जीएसटी पंजीकरण को आसान बनाने के लिए आधार के जरिये पंजीकरण का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत 1 जनवरी, 2020 से हो रही है। नए रिटर्न फाइलिंग सिस्टम के तहत कारोबारियों को आधार के जरिये पहचान करानी जरूरी होगी।

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