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उस रात पीएम ने कहीं ये पांच बातें, और पुराने 1000-500 के नोट हो गए चलन से बाहर

8 नवंबर, 2016 को रात के 8 बजे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कुछ ऐसा कहा कि...
उस रात पीएम ने कहीं ये पांच बातें, और पुराने 1000-500 के नोट हो गए चलन से बाहर

8 नवंबर, 2016 को रात के 8 बजे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कुछ ऐसा कहा कि भारत की हर एक नाग‌रिक पर इसका असर पड़ा। भारत की राजनीति में हडकंप मच गया। आम आदमी से लेकर खास आदमी तक इस फैसले से चकित थे। दरअसल, प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की घोषणा कर दी थी। इस फैसले के बाद 1000 और पांच सौ के पुराने नोट चलन से बाहर हो गए।

चलिए, आपको बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी का ऐलान करते हुए क्या कहा था।

1-

“मेरे प्यारे देशवासियों

पिछले दशकों में हम यह अनुभव करते रहे है कि देश में भ्रष्टाचार और काला धन जैसी बीमारियों ने अपनी जड़ें जमा ली हैं और देश से गरीबी हटाने में ये भ्रष्टाचार, ये कला धन, ये गोरख धंधे सबसे बड़ी बाधा हैं।

इस देश ने यह वर्षों से महसूस किया है कि भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट और आतंकवाद - ऐसे नासूर हैं जो देश को विकास की दौड़ में पीछे धकेलते हैं। देश को, समाज को अन्दर ही अन्दर खोखला कर देते हैं।”

2-

“आतंकवाद की भयानकता को कौन नहीं जानता है? कितने निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। लेकिन क्या आपने सोंचा है की इन आतंकियों को पैसा कहां कहां से मुहैया होता है? सीमा पार के हमारे शत्रु जाली नोटों के जरिये, नकली नोटों के जरिये अपना धंधा भारत में चलाते हैं और यह सालों से चल रहा है। अनेक बार 500 और हज़ार रुपये के जाली नोट का कारोबार करने वाले पकडे भी गए हैं और ये नोट जब्त भी ‌किए गए हैं।

एक तरफ आतंकवाद और जाली नोटों का जाल देश को तबाह कर रहा है। दूसरी ओर भ्रष्टाचार और काले धन की चुनौती देश के सामने बनी हुई है।”

3-

“देश में कैश का अत्यधिक सर्कुलेशन का एक सीधा सम्बन्ध भ्रष्टाचार से है। भ्रष्टाचार से अर्जित कैश का कारोबार महँगाई पर बड़ा असर डालता है। इसकी मार गरीबों को झेलनी पड़ती है। इस का सीधा प्रभाव गरीब और मध्यम वर्ग की खरीदने की शक्ति पर पड़ता है। आपका स्वयं का अनुभव होगा, जब मकान या जमीन खरीदते वक़्त आप से कुछ धन चेक में और ज्यादातर धनराशि कैश में मांगी जाती होगी। ईमानदार व्यक्ति के लिए कुछ भी खरीदना, एक मध्यम वर्ग के व्यक्ति के लिए घर खरीदना हो, उसके पास कला धन नहीं है तो मुसीबत हो जाती है। कैश के इस धंधे के कारण मकान, जमीन, उच्च शिक्षा और चिकित्सा जैसी अनेक सेवाओं और वस्तुओं के मूल्य में बहुत ज्यादा कृत्रिम वृद्धि होती है, artificial increase होता है।”

4-

“देश को भ्रष्टाचार और काले धन रूपी दीमक से मुक्त कराने के लिए एक और सख्त कदम उठाना ज़रूरी हो गया है।

आज मध्य रात्रि यानि 8 नवम्बर 2016 की रात्रि 12 बजे से वर्तमान में जारी 500 रुपये और 1,000 रुपये के करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे यानी ये मुद्राएँ कानूनन अमान्य होंगी।

500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों के जरिये लेन-देन की व्यवस्था आज मध्य रात्रि से उपलब्ध नहीं होगी।

भ्रष्टाचार, काले धन और जाली नोट के कारोबार में लिप्त देश विरोधी और समाज विरोधी तत्वों के पास मौजूद 500 एवं 1,000 रुपये के पुराने नोट अब केवल कागज़ के एक टुकड़े के समान रह जायेंगे।”

5-

“हमारा यह कदम देश में भ्रष्टाचार, काला धन एवं जाली नोट के खिलाफ हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं, सामान्य नागरिक जो लड़ाई लड़ रहा है, उसको इससे ताकत मिलने वाली है।”

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