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राफेल पर दायर पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार, फैसले पर समीक्षा की है मांग

सुप्रीम कोर्ट ने राफेल विमान सौदे पर अपने फैसले की समीक्षा की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई करने के लिए...
राफेल पर दायर पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार, फैसले पर समीक्षा की है मांग

सुप्रीम कोर्ट ने राफेल विमान सौदे पर अपने फैसले की समीक्षा की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमति जता दी है। संबंधित याचिकाओं के समूह को सुप्रीम कोर्ट ने 14 जनवरी को खारिज कर दिया था। इस समूह में पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा वकील प्रशांत भूषण की याचिकाएं  थीं। तब न्यायालय ने कहा था कि फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद में केंद्र की निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह का सवाल ही नहीं उठता।

इस पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि फिलहाल तारीख तय करना मुश्किल है, लेकिन फिर भी वो इस पर विचार करेंगे। साथ ही सीजेआई ने कहा कि राफेल से संबंधित सभी याचिकाओं की सुनवाई के लिए जजों की बेंच का गठन करना आवश्यक है। बता दें कि राफेल पर 14 दिसंबर के फैसले पर चार याचिकाएं दाखिल की गई थीं।

 राफेल मुद्दे पर चार आवेदन या याचिकाएं दाखिल की गई हैं 

 

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राफेल मुद्दे पर चार आवेदन या याचिकाएं दाखिल की गई हैं और इनमें से एक तो अब तक खामी की वजह से रजिस्ट्री में पड़ी है। इस पीठ में न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी हैं।

 

जब प्रशांत भूषण ने राफेल मामले में याचिकाओं को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की तब पीठ ने कहा, ‘पीठ (के न्यायाधीशों) में बदलाव करना होगा, यह बहुत मुश्किल है। हमें इसके लिए कुछ करना होगा।

 भूषण ने की केंद्र सरकार के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग

प्रशांत भूषण ने कहा कि समीक्षा याचिकाओं के अलावा एक ऐसा आवेदन भी दाखिल किया गया है जिसमें अदालत को गुमराह करने वाली जानकारी देने के लिए केंद्र सरकार के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई है।

वकील भूषण के अलावा सिन्हा और शौरी ने उच्चतम न्यायालय से सोमवार को हाई प्रोफाइल राफेल मामले में सीलबंद लिफाफे में ‘झूठी या भ्रामक’ जानकारी कथित तौर पर देने के लिए केंद्र सरकार के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ झूठे साक्ष्य का मुकदमा शुरू करने का आग्रह किया।

 पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने नाखुशी व्यक्त की थी

इससे पहले राफेल मामले में फैसले को चुनौती देने वाली कुछ वकीलों की पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गत शुक्रवार को नाखुशी व्यक्त की थी। इस दौरान प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि वकील सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में याचिकाएं दाखिल करते हैं और याचिकाओं में खामियां दूर करने की बजाय मीडिया में जाकर पब्लिसिटी हासिल करते हैं।

रजिस्ट्री के अधिकारी अपना काम सही तरीके और बेहतर कुशलता के साथ कर सकें

शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब वह वकीलों की तत्काल सुनवाई की मांग पर विचार कर रही थी। प्रधान न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार (न्यायिक) को बुलाकर मामलों की सुनवाई की प्रक्रिया बताने को भी कहा ताकि रजिस्ट्री के अधिकारी अपना काम सही तरीके और बेहतर कुशलता के साथ कर सकें।

14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं को कर दिया था खारिज

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 14 दिसंबर को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिनमें भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमान खरीद सौदे को चुनौती दी गई थी। अदालत का कहना था कि यह मौका निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का नहीं है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी आम आदमी पार्टी (आप) सासंद संजय सिंह, प्रशांत भूषण, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा की याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। इन याचिकाओं में राफेल डील की कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की गई थी।

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