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सुप्रीम कोर्ट ने 'डॉग लवर्स' को 25 हजार और एनजीओ को 2 लाख जमा करने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के स्थायी स्थानांतरण के आदेश के खिलाफ...
सुप्रीम कोर्ट ने 'डॉग लवर्स' को 25 हजार और एनजीओ को 2 लाख जमा करने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के स्थायी स्थानांतरण के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करने वाले "कुत्ते प्रेमियों" और गैर सरकारी संगठनों से मामले में सुनवाई के लिए एक सप्ताह के भीतर क्रमश: 25,000 रुपये और 2 लाख रुपये जमा करने को कहा।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ ने कहा कि इस धनराशि का उपयोग संबंधित नगर निकायों के तत्वावधान में आवारा कुत्तों के लिए बुनियादी ढांचे और सुविधाएं बनाने के लिए किया जाना चाहिए।

पीठ ने कहा, "प्रत्येक कुत्ता प्रेमी और प्रत्येक एनजीओ, जिन्होंने इस अदालत का दरवाजा खटखटाया है, उन्हें सात दिनों के भीतर इस अदालत की रजिस्ट्री में क्रमश: 25,000 रुपये और दो लाख रुपये जमा कराने होंगे, अन्यथा उन्हें मामले में आगे पेश होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।" 

पीठ में न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया भी शामिल हैं।

कई गैर सरकारी संगठनों और व्यक्तियों ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर 11 अगस्त को शीर्ष अदालत की दो न्यायाधीशों वाली पीठ द्वारा पारित कुछ निर्देशों पर रोक लगाने की मांग की थी।

शुक्रवार को तीन न्यायाधीशों की पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों के काटने से, विशेषकर बच्चों में, रेबीज होने की मीडिया रिपोर्ट पर 28 जुलाई को शुरू किए गए स्वत: संज्ञान मामले में अपना आदेश सुनाया।

पीठ ने कहा कि इच्छुक पशु प्रेमी आवारा कुत्तों को गोद लेने के लिए संबंधित नगर निकायों में आवेदन करने के लिए स्वतंत्र होंगे, जिसके बाद पहचाने गए कुत्ते को टैग किया जाएगा और आवेदक को गोद दे दिया जाएगा।

इसमें कहा गया है, "आवेदक की यह जिम्मेदारी होगी कि वह सुनिश्चित करे कि गोद लिए गए आवारा कुत्ते सड़कों पर वापस न आएं।"

पीठ ने दिल्ली-एनसीआर में कुत्ता आश्रयों से आवारा कुत्तों को छोड़ने पर रोक लगाने संबंधी 11 अगस्त के निर्देश में संशोधन किया और कहा कि उठाए गए कुत्तों का बंध्याकरण किया जाना चाहिए, उनका टीकाकरण किया जाना चाहिए और उन्हें उसी क्षेत्र में वापस छोड़ दिया जाना चाहिए।

हालांकि, पीठ ने कहा कि नगर निगम अधिकारी इस निर्देश का पालन करना जारी रखेंगे, जिसमें उन्हें दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम के सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को उठाना और उनकी देखभाल करना शुरू करने को कहा गया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि आवारा कुत्तों को छोड़ने पर रोक लगाने संबंधी 11 अगस्त के निर्देश को फिलहाल स्थगित रखा जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय के 11 अगस्त के आदेश के बाद देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। 

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