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कॉलेजियम ने की जस्टिस बीआर गवई और सूर्यकांत को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई और जस्टिस सूर्यकांत को पदोन्नत कर शीर्ष अदालत...
कॉलेजियम ने की जस्टिस बीआर गवई और सूर्यकांत को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई और जस्टिस सूर्यकांत को पदोन्नत कर शीर्ष अदालत का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश केंद्र सरकार से की है। न्यायमूर्ति गवई फिलहाल बंबई हाईकोर्ट में जज हैं जबकि न्यायमूर्ति सूर्य कांत हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार की जस्टिस बोस और जस्टिस बोपन्ना की नियुक्ति पर आपत्तियों को खारिज कर दिया है। 

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपडेट की गई सिफारिश के मुताबिक, सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने बुधवार को हुई बैठक में दो लोगों को शीर्ष अदालत भेजने की सिफारिश की। शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों के 31 पद स्वीकृत हैं। फिलहाल न्यायालय में 27 न्यायाधीश हैं।

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई को 14 नवंबर 2,003 को बॉम्बे हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था और वह तब से इस पद पर कार्यरत हैं। जबकि जस्टिस सूर्यकांत को 9 जनवरी 2004 को पंजाब और हरियाणा का जज नियुक्त किया गया था। उन्हें 5 अक्तूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था।

सुप्रीम कोर्टकॉलेजियम ने केंद्र की आपत्ति को किया खारिज

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार की जस्टिस बोस और जस्टिस बोपन्ना की नियुक्ति पर आपत्तियों को खारिज कर दिया है। केंद्र की दलील को खारिज करते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस एएस बोपन्ना की शीर्ष अदालत में जज की नियुक्ति की लेकर सिफारिश एक बार फिर केंद्र सरकार के पास भेजी गयी है। कॉलेजियम ने कहा है कि वरिष्ठता पर मेरिट को तरजीह दी जानी चाहिए। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश को नकार दिया था। सरकार ने वरिष्ठता का हवाला देकर जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस एएस बोपन्ना की सिफारिश पर कॉलेजियम को फिर से विचार करने को कहा था।

जस्टिस बोस जजों की अखिल भारतीय वरिष्ठता के क्रम में 12वें नंबर पर हैं। उनका मूल हाई कोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट रहा है। जबकि जस्टिस बोपन्ना वरिष्ठता क्रम में 36वें नंबर पर हैं।   पिछले साल जब जस्टिस बोस के नाम की सिफारिश दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद के लिए की गयी थी तब भी सरकार ने उनका नाम लौटा दिया था।

कॉलेजियम के प्रस्ताव में क्या लिखा था?

कॉलेजियम ने दोनों जजों के नामों का प्रस्ताव देते हुए लिखा था, 'जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस ए.एस बोपन्ना के नामों की सिफारिश करते हुए कलीजियम ने मेरिट के साथ ही ऑल इंडिया लेवल पर जजों की सीनियॉरिटी का भी ख्याल रखा है।' कॉलेजियम ने अपने प्रस्ताव में लिखा, 'कॉलेजियम ने इस बात को भी अपने प्रस्ताव में ध्यान रखा है कि देश के सभी हाई कोर्ट का सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व हो सके।'

सुप्रीम कोर्ट में 4 जजों की जगह खाली

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता हाईकोर्ट का प्रतिनिधित्व इंदिरा बनर्जी करती हैं। जस्टिस एस.एम मल्लिकार्जुन गौड़ा और एस. अब्दुल नजीर कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस सहित कुल 31 जजों के पद होते हैं, जिनमें से फिलहाल 27 पद ही भरे हुए हैं, जबकि 4 जजों की जगह खाली हैं।

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