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गोरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें राज्य सरकारेंः पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गो रक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ राज्य सरकारों को कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि गो माता की रक्षा होनी चाहिए लेकिन कानून किसी को हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
गोरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें राज्य सरकारेंः पीएम

मानसून सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि गो रक्षा के नाम पर असामाजिक तत्व हिंसा कर रह हैं जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव पर उन्होंने कहा कि इस मसले पर आम सहमति बनती तो अच्छा रहता लेकिन अभी तक कटुता का भाव नहीं आया जिसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने सभी से मतदान में भाग लेने को कहा। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने यह जानकारी दी।

 गिर रही है छवि

प्रधानमंत्री ने सभी दलों से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने में सहयोग को कहा है। उन्होंने लालू प्रसाद यादव का नाम लिए बिना कहा कि भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को बचाया नहीं जाना चाहिए जिसके चलते राजनैतिक नेताओं की छवि लगातार गिरती जा रही है। उन्होंने उत्तर  पूर्व के राज्यों में बाढ़ पर भी चिंता जताते हुए कहा कि सेना को इसके लिए तैयार रखा गया है और राज्यों को पूरी मदद दी जाएगी। पीएम ने जीएसटी के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

चीन की रणनीति बताए सरकार

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सभी दलों से संचालन में सहयोग की अपील की। कांग्रेस के गुलाम नबीं आजाद ने कहा कि उन्होंने मांग की है कि कश्मीर पर सदन में चर्चा के दौरान पाकिस्तान के साथ चीन का भी जिक्र होना चाहिए। आंतरिक सुरक्षा पर कश्मीर पर जो हालात खराब हुए हैं उसमें सरकार ने बातचीत के सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं। सरकार एलीमेशन की नीति पर चल रही है उस पर हम साथ नहीं है। गोरक्षा, महिलाओँ की सुरक्षा, मध्यप्रदेश समेत देश के किसानों, गुजरात के टैक्सटाइल्स कर्मचारियों के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार को फैसला करना है कि चीन के साथ कूटनीतिक तरीके से कैसे निपटना है। सरकार के सदन को इसकी जानकारी देना चाहिए। इस सत्र में सरकार 16 बिल पास कराना चाहती है लेकिन तीन बिल ही हम जरूरी समझते हैं। आधार से सूचना लीक हो रही है, इस पर राइट टू प्राइवेसी को लेकर बिल आऩा चाहिए।

 

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