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रंजीत सिन्हा के खिलाफ पद के दुरुपयोग की जांच हो: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व प्रमुख रंजीत सिन्हा पर लगे भ्रष्‍टाचार के आरोपों पर कड़ा रुख अपनाया है।
रंजीत सिन्हा के खिलाफ पद के दुरुपयोग की जांच हो: सुप्रीम कोर्ट

2जी और कोयला घाेटाले के आरोपियों से मेलजोल के मामले में सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्‍हा की मुश्‍किलें बढ़ती जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पूर्व सीबीआई चीफ द्वारा अपनी ताकत के गलत इस्तेमाल करने की जांच होनी चाहिए। सिन्हा पर आरोप है कि उन्होंने पद पर रहते हुए उन्‍होंने घोटाले में फंसी कंपनियों से जुड़े लोगों से मुलाकात कर अहम जानकारियां साझा की। जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस एके सीकरी की पीठ ने इस मामले में 13 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

 

गौरतलब है कि जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने पिछले साल सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने कोर्ट में रंजीत सिन्हा के आवास पर आने-जाने वाले लोगों के ब्‍योरे वाली डायरी जमा की थी, जिसके अनुसार अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस टेलिकॉम के दो बड़े अधिकारी 15 महीने में 50 बार रंजीत सिन्हा के घर गए। इसके अलावा कोयला घोटाले में फंसी कंपनियों के अधिकारी भी सिन्‍हा से मिलते रहे। हालांकि, सिन्‍हा ने इन मामलों में किसी भी आरोपी को किसी प्रकार की मदद करने से साफ इनकार किया है। रंजीत सिन्हा ने दावा किया था कि इसके पीछे एक छिपा हुआ हाथ और इसके पीछे अधिवक्ता प्रशांत भूषण का दिमाग था।

 

भूषण ने एक एनजीओ की तरफ से याचिका दायर की थी और सिन्हा पर कोयला घोटाला मामले में जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाया था। याचिका में यह भी कहा गया था कि अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच की आवश्यकता है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि क्या धन का लेन-देन हुआ। एनजीओ ने अपने आवेदन में कहा था कि चूंकि दिल्ली पुलिस के एंटी करप्शन ब्यूरो ने उसकी 25 नवंबर 2014 की शिकायत पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की, इसलिए रंजीत सिन्हा द्वारा सीबीआई के तत्कालीन निदेशक के तौर पर अपने अधिकार का कथित तौर पर दुरुपयोग करने की अदालत की निगरानी में जांच की आवश्यकता है।

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