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डिजिटल बनेगा तभी तो बढ़ेगा इंडिया

मौजूदा सरकार देश को डिजिटल रूप से सशक्त और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए डिजिटल इंडिया क्रार्यक्रम लागू करने जा रही है। इसके तहत आयकर, ब्रिकी कर, पासपोर्ट, डाइविंग लाइसेंस, पेंशन आदि ऑनलाइन माध्यम से जारी किए जा सकेंगे।
डिजिटल बनेगा तभी तो बढ़ेगा इंडिया

लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, सरकार डिजिटल डिलिवरी प्रणाली को सुदृढ़ बना रही है। इसके तहत डिजिटल इंडिया के पांच स्तंभों में ई क्रांति के माध्यम से सेवाओं के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से निष्पादन पर जोर दिया गया है।  ई क्रांति का मकसद सरकार के स्तर पर नागरिकों के लिए सभी सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पहुंचाना सुनिश्चित करना है और इसके लिए कार्यक्षमता, पारदर्शिता और व्यवहारिकता के साथ सेवाओं की लागत जोर दिया गया है।

ई क्रांति के तहत 44 मिशन मोड परियोजनाओं को लिया गया है जिनमें से 13 केंद्र, 17 राज्य और 14 समन्वित से संबंधित हैं। इनमें से 25 मिशन मोड परियोजनाओं के तहत 222 सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा एक जनवरी 2016 से 192 ई लेन देन की सूचना प्राप्त हुई है।

प्रसाद ने कहा, इसके जरिये ऑनलाइन माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं में आयकर, पासपोर्ट, आव्रजन, कोर बैंकिंग, पेंशन शिकायत निपटारा, अदालत, पुलिस, भुगतान सेवाएं, लाइसेंस, सामाजिक कल्याण योजनाएं, कृषि, नगर पालिका, भूमि रेकॉर्ड, वाहन पंजीकरण, डाइविंग लाइसेंस, सार्वजनिक वितरण प्रणाली आदि शामिल है।

मंत्री ने कहा कि हम डिजिटल साक्षरता के क्षेत्र में काफी आगे बढ़े हैं। बजट में भी छह करोड़ लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही 100 करोड़ लोगों का आधार पंजीकरण हुआ है और इसके जरिये प्रत्यक्ष नकद अंतरण एवं सेवाओं के जरिये 21 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है।

ऑप्टिकल केबल फाइबर से ग्राम पंचायतों को जोड़ने की केंद्र सरकार की पहल का जिक्र करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 1.99 लाख साझा सेवा केंद्र को परिचालन में लाया गया है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद 1.40 लाख किलोमीटर ओएफसी लाइन बिछाई।

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