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देहरादून, अंबाला समेत कई शहरों में कश्मीरी छात्रों का विरोध, 24 घंटे में घर खाली करने को कहा

पुलवामा में सीआरपीएएफ के जवानों पर हुए आतंकी हमले के बाद देशभर के अलग-अलग इलाकों में रह कर पढ़ाई कर रहे...
देहरादून, अंबाला समेत कई शहरों में कश्मीरी छात्रों का विरोध, 24 घंटे में घर खाली करने को कहा

पुलवामा में सीआरपीएएफ के जवानों पर हुए आतंकी हमले के बाद देशभर के अलग-अलग इलाकों में रह कर पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों को विरोध झेलना पड़ रहा है। देश में कई जगहों पर कश्मीरी छात्रों के विरोध की खबरें आ रही हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून, हरियाणा में अंबाला और बिहार के पटना में कश्मीरियों को गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है। इसे लेकर कश्मीर के नेताओं ने केंद्र सरकार से उनकी सुरक्षा की मांग की है। बीते गुरुवार को आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद पूरे देश में भयंकर आक्रोश है।

मकान मालिकों ने घर खाली करने को कहा

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पढ़ाई कर रहे कुछ कश्मीरी युवाओं ने आरोप लगाया है कि उनको परेशान किया जा रहा है। कश्मीर युवाओं ने कहा कि मकान मालिक अपने घरों पर हमला होने की आशंका में उनसे घर खाली करने को कह रहे हैं।

देहरादून में क्यों भड़का गुस्सा?

देहरादून में एक कश्मीरी छात्र की सोशल मीडिया पर वायरल टिप्पणी से लोगों का गुस्सा भड़क गया। आरोपित छात्र सुभारती विश्वविद्यालय में पैरा मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। टिप्पणी से गुस्साए छात्र नारेबाजी करते हुए बड़ी संख्या में उन कॉलेज के सामने पहुंच गए, जहां कश्मीरी छात्र पढ़ रहे हैं। आननफानन पुलिस वहां पहुंची और हल्का बल प्रयोग कर तोडफ़ोड़ और हंगामा कर रहे छात्रों को काबू किया। फिलहाल कॉलेज के आसपास पुलिस बल तैनात है। वहीं आरोपी कैशर राशिद भूमिगत हो गया। एसओ प्रेमनगर नरेंद्र गहलावत ने बताया कि छात्र को गुरुवार शाम से ही नहीं देखा गया है। वह हॉस्टल के जिस कमरे में रहता था, वहां ताला लगा हुआ है। उसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

व्हाट्सएप संदेश में कश्मीरी छात्र ने पुलवामा के नृशंस हमले की तुलना ऑनलाइन गेम पबजी के साथ की थी। पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत छात्र के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

पुलिस ने दिया सुरक्षा का भरोसा

देहरादून पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को देहरादून में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिये सभी जरूरी इंतजाम करने का भरोसा दिया है। पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि देहरादून में रह रहे कश्मीरी छात्रों के उत्पीड़न से जुड़ी खबरों को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने देहरादून पुलिस से बात की है।

अंबाला में ग्राम पंचायत ने कश्मीरी किरायेदारों से मकान खाली करवाने को कहा

हरियाणा में अंबाला की एक ग्राम पंचायत ने पुलवामा आतंकवादी हमले के आलोक में ग्रामीणों से किराये पर रह रहे कश्मीरी छात्रों से 24 घंटे के अंदर मकान खाली करवाने को कहा है। सोशल मीडिया पर इस संबंध में एक वीडियो आया है।इस वीडियो के सामने आने के बाद पांच-छह विद्यार्थियों को एम एम मुलाना विश्वविद्यालय में स्थानांतरित किया गया है। इस वीडियो में मुलाना के ग्राम सरपंच नरेश राणा को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘ग्रामीणों से कश्मीरी विद्यार्थियों से मकान खाली करवाने को कहा गया है.... यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो जिनके मकान में ऐसे विद्यार्थी रह रहें होंगे, उन्हें गद्दार समझा जाएगा।’’ ग्राम प्रधान का आरोप है कि कुछ कश्मीरी विद्यार्थी ‘‘संदिग्ध गतिविधियों’’ में शामिल हैं।    विश्वविद्यालय के एक न्यासी विशाल गर्ग ने बताया कि कुछ कश्मीरी विद्यार्थियों ने उनसे छात्रावास में ठहरने देने का अनुरोध किया था, उन्हें वहां ठहरा दिया गया है।   इस बीच, पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

पटना में कश्मीरी दुकानदारों को पीटा

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले के विरोध में 25-30 उपद्रवियों ने शुक्रवार को बुद्धमार्ग स्थित ल्हासा मार्केट में कश्मीरी दुकानदारों पर हमला बोल दिया। उनके हाथ में हॉकी स्टिक, डंडा और लोहे का रॉड देखकर मार्केट में दहशत फैल गई। उपद्रवियों ने कश्मीरी दुकानदारों की पिटाई के बाद बिहार छोड़ने की चेतावनी दी है। इसके लिए 10 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद भी यदि दुकानें बंद नहीं होती हैं, तो अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है। पुलिस के पहुंचने से पहले ही उपद्रवी फरार हो गए। अनहोनी की आशंका को देखते हुए पुलिस के लगभग एक दर्जन जवान मौके पर तैनात किए गए हैं।

उमर अब्दुल्ला ने की कश्मीर छात्रों की सुरक्षा की मांग

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सर्वदलीय बैठक में पारित किए गये प्रस्ताव में जम्मू में हिंसा और दूसरे राज्यों में तनाव के चलते शांति बनाए रखने की अपील को शामिल नहीं किए जाने से निराशा जाहिर की। बाद में उमर अब्दुल्ला गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात कर अपनी चिंता जाहिर की।

वहीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमें शरारती तत्वों को पुलवामा हमले का इस्तेमाल लोगों को सताने या परेशान करने के बहाने के रूप में करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. महबूबा ने ट्वीट कर कहा कि हमें लोगों को हमारे आंसुओं का इस्तेमाल करने देने के बजाय एकजुट होने की जरूरत है।

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